इतिहास में पहली बार भारत की बेटियों ने रचा ऐसा इतिहास, जिसे जान गर्व से चौंड़ा हो जाएगा आपका सीना

Published : Jan 07, 2021, 06:32 PM ISTUpdated : Jan 07, 2021, 07:27 PM IST

मुंबई. भारत की बेटियां और महिलाएं आज किसी भी काम में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। वो हर फील्ड में अपनी सफलता का परचम लहरा रही हैं। फिर चाहे खेल का मैदान हो या फिर सेना, वह हर जगह अपनी छाप छोड़ रही हैं। मुंबई से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो नारी शक्ति के जज्बे को सलाम करने के लिए मजबूर करती है। यहां इतिहास में पहली बार एक पूरी मालगाड़ी को का परिचालन सिर्फ महिलाओं द्वारा किया गया। आइए जानते हैं इन होनहार महिलाओं के बारे में...

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इतिहास में पहली बार भारत की बेटियों ने रचा ऐसा इतिहास, जिसे जान गर्व से चौंड़ा हो जाएगा आपका सीना

दरअसल, मंगलवार को मुंबई के वसई रोड स्टेशन से चली ट्रेन बुधवार को गुजरात के वडोदरा पहुंची। वेस्टर्न रेल रूट पर चली इस मालगाड़ी को सिर्फ महिलाओं ने चलाया। जैसे ही यह मालगाड़ी वडोदरा स्टेशन पहुंची तो वहां पर मौजूद हर शख्स ने इन महिलाओं को सलाम किया। साथ ही फूल देकर और ताली बजाकर उनका वेलकम किया।
 

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मीडिया से बात करते हुए वेस्टर्न रेलवे के चीफ ऑफिसर आलोक कंसल ने महिलाओं के इस कदम को महिला सशक्तिकरण का एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहा-यह वास्तव में पश्चिम रेलवे के लिए एक यादगार दिन है। यह देश की सभी  लेडीज के लिए अनुकरणीय आदर्श मॉडल है। इन्होंने अपनी मेहनत और जज्बे से जो मिसाल पेश की है उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है।

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वहीं वेस्टर्न रेलवे के चीफ जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया,'5 जनवरी, 2021 को वसई रोड से वडोदरा तक जाने वाली मालगाड़ी को लोको पायलट कुमकुम सूरज डोंगरे, सहायक लोको पायलट उदिता वर्मा और गुड्स गार्ड आकांक्षा राय के सम्पूर्ण महिला क्रू द्वारा परिचालित किया गया।'
 

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जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि वडोदरा के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव वाला दिन है। पश्चिम रेलवे के लिए तो बहुत बड़ी सफलता है। इससे ज्यादा और क्या होगा जब महिला चालक दल द्वारा किसी मालगाड़ी का पूरा परिचालन किया गया है।

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 यह इतिहास जब रचा है जब गार्ड और लोको पायलटों पदों पर नौकरी के लिए महिलाएं बहुत कम आगे आती हैं। इनका यह काम दूसरी महिलाओं की चुनौतीपूर्ण नौकरियों के लिए प्रेरणादायक होगा।
 

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