बताया जाता है कि अंतापुरकर अक्सर अपने इलाके के किसानों और गरीबों की मदद के लिए ही जीते थे। इसलिए वह अपने क्षेत्र में गांव-गांव, गली-गली, खेत-खेत में घुमते रहे लोगों की समस्याओं को सुनते, जानते, समझते, सुलझाते रहे। बता दें कि अंतापुरकर डायबिटिज और ब्लडप्रेशर के भी मरीज थे। बताया जाता है कि कुछ दिन पहले उनको दिल का दौरा भी पड़ा था।