भारत की रियल वुमेन पॉवरः जिंदगी का 'हीरो' खोने पर भी गर्व से बोलीं- 'मैं भी देश के लिए मरने को तैयार

मुंबई. ये 2 तस्वीरें...किसी भी महिला की ताकत को दिखाने के लिए काफी हैं। पहली तस्वीर में शहीद मेजर कौस्तुभ राणे की पत्नी कनिका 2018 में शहीद पति की पार्थिव देह से उतारा गया तिरंगा ग्रहण कर रही हैं। जबकि दूसरी तस्वीर में कनिका राणे खुद आर्मी ड्रेस में 'वीर नारी' सम्मान सम्मान ले रही हैं। मेजर कौस्तुभ राणे 7 अगस्त 2018 में जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में शहीद हो गए थे। इस दौरान उनकी उम्र महज 29 साल थी। मुंबई के मीरा रोड पर रहने वाले मेजर की पत्नी कनिका के लिए यह बहुत बड़ा सदमा था। उनका एक बेटा है अगस्त्य। जब उसके पापा को अंतिम सलामी दी जा रही थी, तब उसकी उम्र बमुश्किल 2 साल थी। वो कभी अपनी मां से लिपट जाता..तो कभी एकटक पापा के पार्थिव शरीर को देखने लगता था। उसे नहीं मालूम था कि पापा के साथ ऐसा क्यों हो रहा है? वो मंजर इतना भावुक था कि हर कोई रो रहा था। कनिका पति की पार्थिव देह से उतारे गए तिरंगे को अपने हाथों में लेकर फूट-फूटकर रो पड़ी थीं। वे आंसू जब तिरंगे पर टपके..तभी उन्होंने फैसला कर लिया था कि वे भी आर्मी ज्वाइन करेंगी। अब कनिका आर्मी ज्वाइन कर चुकी हैं। वे अक्टूबर 2019 में 49 हफ्ते की ट्रेनिंग लेने चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी(ओटीए) में हैं। रियल 'वुमेन पॉवर' कनिका की ख्वाहिश है कि उन्हें कश्मीर में तैनात किया जाए..ताकि वे भी अपने पति के नक्शे-कदम पर हिंदुस्तान की महिलाओं की ताकत दुश्मनों को दिखा सकें। 8 मार्च को मनाए जाने वाले International Women's Day के मौके पर पढ़िए अदम्य साहसी महिला की पूरी कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Mar 3, 2020 11:03 AM IST / Updated: Mar 03 2020, 07:20 PM IST

110
भारत की रियल वुमेन पॉवरः जिंदगी का 'हीरो' खोने पर भी गर्व से बोलीं- 'मैं भी देश के लिए मरने को तैयार
पहली तस्वीर 9 अगस्त, 2018 की है। शहीद मेजर कौस्तुभ राणे का जब अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तब पति के पार्थिव देह से लिपटा तिरंगा ग्रहण करते वक्त उनकी पत्नी कनिका अपने आंसू नहीं रोक पा रही थीं। दूसरी तस्वीर कुछ दिन पहले की है। उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी का कार्यभार ग्रहण करने वाले करगिल युद्ध के नायक जनरल वाई के जोशी ने एक अलंकरण समारोह में 83 सैनिकों को वीरता सम्मान एवं उत्कृष्ट सेवा सम्मान और नौ ‘वीर नारी’ पुरस्कार प्रदान किए थे। इस दौरान कनिका खुद भी आर्मी ड्रेस में वीर 'नारी सम्मान' ग्रहण करने पहुंची थीं।
210
यह पहली तस्वीर 2018 की है, जब पति की शहादत के बाद कनिका राणे 'सेना पदक' ग्रहण करने पहुंची थीं। इसके बाद जब खुद वीर नारी सम्मान लेने आर्मी की ड्रेस में पहुंचीं, तो नम आंखों और गर्व से बोलीं कि वो चाहते थे कि..वो चाहते थे कि मैं आर्मी ज्वाइन करूं।’
310
बता दें कि शहीद मेजर कौस्तुभ राणे की वीरता के कई किस्से हैं। उन्हें दो बार सेना मेडल से नवाजा गया। पहला 2017 में दिया गया था। दूसरा 2018 में। हालांकि तब वे यह मेडल लेने के लिए खुद जीवित नहीं थे। कनिका गर्व से कहती हैं कि वे आज पति की प्रेरणा से ही आर्मी में हैं।
410
आर्मी ज्वाइन करने से पहले कनिका एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर थीं। इसके बाद उनका सिलेक्शन सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) की परीक्षा में हो गया। अक्टूबर 2019 में वह 49 हफ्ते के प्रशिक्षण के लिए चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) चली गईं।(तस्वीर कौस्तुभ राणे के अंतिम संस्कार के दौरान की। अपने बेटे को छाती से चिपका कनिका)
510
कनिका से जब भी मीडिया ने बता की, उन्होंने हमेशा दुहराया कि अगर उन्हें मौका मिला, तो वे भी कश्मीर में ड्यूटी करना चाहेंगी। (तस्वीर कौस्तुभ राणे के अंतिम संस्कार के दौरान की)
610
बता दें कि मेजर कौस्तुभ राणे ने पुणे से कंप्यूटर ऐप्लिकेशन में ग्रेजुएशन किया था। कनिका के मुताबिक, कौस्तुभ का सपना था कि वो आर्मी में जाएं। उनका सपना पूरा हुआ। अब इसी सपने को वे आगे बढ़ाएंगी।
710
मेजर कौस्तुभ की प्रारंभिक शिक्षा मीरा-भाईंदर, मुंबई और पुणे में हुई थी। वे 2008 में सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती हुए हुए थे। 2011 में कैप्टन और 2018 में मेजर बने थे। जब कौस्तुभ की अंतिम यात्रा निकाली गई, तब पूरे इलाके को पीले फूलों से सराबोर कर दिया था। पीले फूल उम्मीद का रंग माने जाते हैं। कनिका इसी उम्मीद को जिंदा रखना चाहती हैं।
810
कनिका वरिष्ठ सेना अधिकारी के पद पर चयनित हुई थीं। कनिका कहती हैं कि वे अपने बेटे के सामने उसके पिता को ही आदर्श के तौर पर रखना चाहेंगी। इसी आस को लेकर वे भी आर्मी में आईं।
910
कनिका कहती हैं कि कौस्तुभ की कमी कभी नहीं भर सकती, लेकिन जो उन्होंने चाहा..वे उसे पूरा कर रही हैं। देश सेवा के लिए उन्होंने आर्मी की वर्दी पहनी है।
1010
कनिका भारतीय महिलाओं की ताकत का प्रतिनिधित्व करती हैं। इमोशनल वे भी हैं, लेकिन कॉन्फिडेंट भी। कनिका ने कहा कि कौस्तुभ मुझे रोते नहीं देख सकते थे और अब वे हंसते-हंसते देश सेवा करना चाहेंगी।
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos