महाराष्ट्र के भिवंडी में शनिवार तड़के एक 4 मंजिला बिल्डिंग ढह जाने से कुछ लोगों की मौत की खबर है। कई लोग घायल भी हुए हैं। हैरानी बात है कि नगर निगम ने इस बिल्डिंग को अवैध घोषित किया था। लोगों को घर खाली करने को कहा गया था। लेकिन कुछ लोग सामान उठाने के लिए बिल्डिंग में घुसे, तभी उसका एक हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। हादसे के बाद जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो डराती हैं कि कैसे लोग छत की उम्मीद में कमजोर बिल्डिंगों में अपना आशियाना बना लेते हैं। सवाल प्रशासन पर भी उठते हैं। अगर इस बिल्डिंग के लिए बिल्डर ने परमिशन नहीं ली थी, तो क्या रातों-रात हवा में खड़ी हो गई।
ठाणे जिले के भिवंडी कस्बे की यह बिल्डिंग 8 साल पुरानी थी। भिवंडी-निजामपुर नगर निगम के आयुक्त अशोक रांखम इसे अवैध बताते हैं। उनके अनुसार, बिल्डिंग कमजोर हो गई थी। हादसे के ठीक पहले लोगों को इससे निकाला जा रहा था।
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हादसे में 27 साल के अहमद अंसारी और 22 साल के आकिब अंसारी की मौत हो गई। वहीं अब्दुल अजीज सैयद मुलानी (55), जावेद सलीम शेख (34), नरेंद्र बावने (35), देवीदास वाघ (34) और सूफियान अब्दुल हसन (23) घायल हुए हैं। रेस्क्यू टीम ने घायलों को भिवंडी के इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया है।
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नगर निगम के आयुक्त अशोक रांखम के मुताबिक, बिल्डिंग गिरने की आशंका को देखते हुए उसे खाली कराया जा रहा था। कुछ लोग अपना सामान उठाने के लिए चुपचाप अंदर चले गए। इसी दौरान बिल्डिंग भरभराकर गिर पड़ी।
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हादसे की जानकारी लगते ही डिजास्टर मैनेजमेंट आफिसर संतोष कदम फायर ब्रिगेड और NDRF के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे। हादसे में 10 से ज्यादा लोग मलबे में दब गए थे।
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जब बिल्डिंग गिरी उस वक्त नगर निगम का अमला मौजूद था। इसके बावजूद लोग उनकी नजरों से बचकर बिल्डिंग में सामान उठाने घुस गए। इसम अफसरों की लापरवाही भी सामने आई है। लोगों को कैसे अंदर घुस जाने दिया गया।
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मुंबई में बड़ीं संख्या में अवैध इमारतें बनी हुई हैं। बिल्डरों ने इनके निर्माण में न तो कोई मापदंड का ध्यान रखा और न ही सामग्री की गुणवक्ता का।
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