चाय बनाने से मना किया तो पत्नी की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी, अब कोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया जो सभी को जानना चाहिए

अगर पति ने पत्नी को चाय बनाने के लिए कहा और पत्नी ने चाय बनाने से मना कर दिया। इसके बाद पति गुस्सा दिखाता है तो यह तर्क देना गलत होगा कि पत्नी ने पति को उकसाया। यह बात बॉम्बे हाईकोर्ट ने कही है। कोर्ट में ऐसे ही एक केस की सुनवाई हो रही थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पत्नी को अपनी संपत्ति मामने की मध्ययुगीन धारणा अभी भी मौजूद है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 25, 2021 8:30 AM IST / Updated: Feb 25 2021, 02:05 PM IST
17
चाय बनाने से मना किया तो पत्नी की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी, अब कोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया जो सभी को जानना चाहिए

जज रेवती मोहिते डेरे ने पति की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसकी पत्नी ने चाय बनाने से इनकार किया, जिसकी वजह से वह भड़क गया और पत्नी पर हमला कर दिया। उन्होंने इस दलील को भद्दा बताया।

27
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोलापुर के पंढरपुर निवासी संतोष अतकर को दोषी ठहराने और 10 साल की सजा को बरकरार रखा, जो साल 2016 में एक स्थानीय कोर्ट ने सुनाई थी।
37
आदेश के अनुसार, संतोष अतकर और उनकी पत्नी के बीच कुछ समय से विवाद चल रहा था। दिसंबर 2013 की बात है। एक दिन पत्नी पति के लिए चाय बनाए बिना ही घर से बाहर जाने की कोशिश की। उस आदमी ने उसे हथौड़े से मारा, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई।
47
इसके बाद संतोष अतकर ने वहां साफ सफाई करवाई। फिर पत्नी को नहाने के लिए कहा और फिर हॉस्पिटल ले गया। करीब एक हफ्ते तक हॉस्पिटल में रहने के बाद उसने दम तोड़ दिया।
57
बचाव पक्ष ने तर्क दिया था कि अतकर को अपराध करने के लिए उकसाया गया था क्योंकि उसकी पत्नी ने चाय बनाने से इनकार कर दिया था।
67
कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया और माना कि उसके खिलाफ आरोप साबित करने के लिए आदमी की बेटी की गवाही सहित पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
77
कोर्ट ने कहा कि अपनी पत्नी के साथ मारपीट करने के बाद उसे हॉस्पिटल ले जाने से पहले सबूत नष्ट करने में कीमती समय बर्बाद हुआ। इसलिए वारदात में अनहोनी जैसा कुछ नहीं है। इसलिए अपील खारिज की जाती है।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos