मोदी 2.0 : पाकिस्तान को हर कदम पर दी मात, 100 दिन में 5 बड़े फैसलों से जीत लिया देशवासियों का दिल
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए हैं। मई 2019 में भारी जनादेश के बाद अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया। मोदी 2.0 ने 2014-19 की गलतियों को सुधारने और भाजपा की वैचारिक नीतियों को एजेंडे में शामिल किया। मोदी 2.0 ने पहले 100 दिनों में, जम्मू और कश्मीर का स्पेशल दर्जा खत्म किया, ट्रिपल तालक कानून, और आतंकवाद पर लगाम लगाई। हालांकि आर्थिक मुद्दे पर केंद्र सरकार खरी नहीं उतरी।
Asianet News Hindi | Published : Sep 6, 2019 7:52 AM IST / Updated: Sep 06 2019, 01:34 PM IST
5 अगस्त-अनुच्छेद 370 पर ऐतिहासिक फैसला अगस्त के पहले सप्ताह में सरकार जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधानों को निरस्त कर अनुच्छेद 370 और 35A को खत्म कर दिया, और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांट कर केंद्र शासित राज्य बनाने का ऐलान किया।
30 जुलाई-तीन तलाक बिल; मुस्लिम महिलाओं के हक में फैसला ट्रिपल तलाक बिल को एनडीए सरकार की एक बड़ी जीत के रूप में देखा जाता है, सरकार ने ट्रिपल तालक बिल पर कानून बना कर मुस्लिम महिलाओं को बहुत बड़ी राहत दी।
2 अगस्त-आतंकवाद पर कसी लगाम आतंकवाद के खिलाफ नरेंद्र मोदी की शून्य-सहिष्णुता की नीति को आधार मानते हुए, सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक पेश किया, जिसे संसद में पारित किया गया। इस संशोधित अधिनियम में केंद्र सरकार ने मांग की थी कि एक व्यक्ति को आतंकवादी नामित करने और उसकी संपत्ति को जब्त करने की शक्ति प्रदान की जाए।
8 जून से- 7 महत्वपूर्ण विदेशी यात्राएं नरेंद्र मोदी सरकार का पहले 100 दिनों में विदेशी नीतियों के तहत कूटनीति करने वाले विदेशी नेताओं के साथ खास जुड़ाव देखा गया है। पीएम मोदी ने सात देशों की यात्रा की जिसमें उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत, पीएम ने मालदीव, श्रीलंका, भूटान, यूएई, बहरीन, फ्रांस और हाल ही में रूस का दौरा किया।
30 अगस्त-बैंकों के विलय की घोषणा सरकार ने देश में आर्थिक सुधार के लिए कदम उठाते हुए 10 सरकारी बैंकों का विलय करके चार बड़े बैंकों का गठन करने का ऐलान किया। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया। सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिलाया गया। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से जोड़ने का एलान किया। इसका उद्देश्य बैंकों को बढ़ते एनपीए से राहत और उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा प्रदान करना है।