बौखलाए चीन ने कहा- हमारे J-20 के सामने नहीं टिकता राफेल, भारत ने इन दो सवालों के साथ खोल दी पोल

नई दिल्ली. 29 जुलाई को भारतीय वायुसेना में 5 राफेल शामिल हुए। इसके बाद से चीन और पाकिस्तान बौखलाए हुए हैं। चीनी मीडिया ने तो इसकी तुलना अपने लड़ाकू विमान से भी कर दी। हालांकि, जानकार बताते हैं कि भारतीय राफेल चीन के जे-20 विमान ने कई गुना बेहतर है। लेकिन चीनी मीडिया अपने J-20 को बेहतर बताने में जुटी हुई है। इतना ही नहीं चीनी एक्सपर्ट ने राफेल की तुलना में J-20 को अधिक सुपीरियर तक बता दिया।

Asianet News Hindi | Published : Aug 1, 2020 3:42 AM IST

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बौखलाए चीन ने कहा- हमारे J-20 के सामने नहीं टिकता राफेल, भारत ने इन दो सवालों के साथ खोल दी पोल

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, भारत में हाल ही में 5 राफेल जेट शामिल हुए हैं। भारत के पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस घनोआ ने इसे चीन के J-20 से बेहतर बताया है। चीनी एक्सपर्ट का हवाला देते हुए अखबार ने लिखा, राफेल तीसरी पीढ़ी का फाइटर जेट है, वहीं, चीनी J-20 चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है और इसके सामने फ्रांस का बना राफेल कहीं नहीं टिकता। 
 

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ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, राफेल, सुखोई-30 एमकेआई से बेहतर है, जो भारतीय वायुसेना में बड़ी संख्या में मौजूद हैं। लेकिन यह बहुत बेहतर नहीं है, ना ही इसकी गुणवत्ता में बहुत बदलाव हुआ है। एक्सपर्ट के हवाल से अखबरा ने कहा, सीमित तकनीक की वजह से इसकी तुलना तीसरी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों से की जा सकती है, लेकिन इसका मुकाबला हमारे J-20 से नहीं है। J-20 चौथी पीढ़ी का आधुनिक क्षमता वाला विमान है। 

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इतना ही नहीं चीनी एक्सपर्ट ने राफेल की तुलना में J-20 को अधिक सुपीरियर तक बता दिया। अखबार ने लिखा, ये सभी को पता है कि कैसे फाइटर जेट में एक पीढ़ी का फर्क बहुत बड़ा फर्क होता है। 
 

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वहीं, इससे पहले भारत के पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने राफेल को 4.5 जेनरेशन का बताते हुए गेमचेंजर करार दिया था। उन्होंने कहा था कि  चीन का J-20 इसके आसपास भी नहीं ठहरता। चीन इसी बयान के बाद बौखलाया हुआ नजर आ रहा है। वह राफेल की लगातार कमियां निकाल रहा है। 

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धनोआ ने एक बार फिर चीन को जवाब देते हुए चैलेंज किया। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, मुझे नहीं लगता J-20 इतना ट्रिकी है कि उसे फिफ्थ जेनरेशन का फाइटर जेट कहा जाए। क्यों कि कनार्ड से फाइटर जेट का रडार सिग्नेचर बढ़ जाता है। इससे ये लॉन्ग रेंट मोटार्र मिसाइल की पकड़ में आ जाता है। ये मिसाइलें राफेल में भी हैं। 

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वहीं, धनोआ ने दूसरा सवाल किया कि अगर J-20 को बनाने वाली कंपनी चेंगदू एरोस्पेस इसे 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान बताती है तो इसे सुपरक्रूज क्यों नहीं कर सकते। सुपरक्रूज वह क्षमता है, जिसमें फाइटर जेट को 1 मैक (ध्वनि की गति) की रफ्तार से बिना आफ्टबर्नर्स के उड़ाया जा सकता है। 

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धनोआ ने कहा, राफेल में सुपरक्रूज की क्षमता है। इसमें लगा रडार सिग्नेचर दुनिया के सबसे अच्छे सिस्टमों में है। इससे पहले धनोआ ने चीन के दावों को खारिज करते हुए पूछा था कि अगर चीनी हथियार इतने अच्छे हैं तो पाकिस्तान ने 27 फरवरी 2019 को भारत में हमला करने के लिए चीन के जेएफ-17 की जगह एफ-16 का इस्तेमाल क्यों किया था? 

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