23 फरवरी, 2020 'दिलवालों की दिल्ली' के लिए बेहद डरावना मंजर लेकर आई थी। CAA (Citizenship Amendment Act) के विरुद्ध चल रहे प्रदर्शन के बीच अचानक कुछ असामाजिक तत्वों की हरकतों से दंगा भड़क उठा था। दंगा 23 फरवरी की रात से शुरू हुआ था, जिसे 7 दिन यानी 29 फरवरी, 2020 को काबू पाया जा सका था। दो सम्प्रदायों के बीच हुई इस हिंसक झड़प ने चांदबाग, मुख्य वजीराबाद रोड, करावल नगर, शिव विहार, ब्रह्मपुरी आदि कालोनियों में भारी नुकसान पहुंचाया था। इन दंगों में 50 से अधिक लोग मारे गए थे। 200 से अधिक घायल हुए थे। लोगों के सिर पर हैवानियत कैसे नाच रही थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लाशें नालियों में पड़ी थीं। इस मामले में पुलिस ने 2200 लोगों को गिरफ्तार किया था। आइए जानते हैं दिल्ली दंगे की कहानी और लीजिए एक सबक कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है...