बहू को सदमा न लगे, इसलिए बूढ़ी मां ने बेटे की शहादत की खबर छुपाकर रखी

15-16 जून, 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को परणोपरांत गणतंत्र दिवस पर वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा। बता दे कि गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा पर दो सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। इसमें भारतीय सेना के अधिकारी कर्नल बाबू और दो सैनिकों की मौत हो गई थी। अपने बेटे की शहादत पर उनकी मां मंजुला को हमेशा फक्र रहेगा। यह और बात है कि अपने इकलौते बेटे को खोने का भी उन्हें गम सताता है। जब एक मां को अपने बेटे की शहादत की खबर मिली, तो उन्होंने अपनी बहू से उसे छुपाए रखा। क्योंकि वे नहीं चाहती थीं कि बहू को सदमा लगे। पढ़िए एक इमोशनल खबर...
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 11, 2021 8:22 AM IST
17
बहू को सदमा न लगे, इसलिए बूढ़ी मां ने बेटे की शहादत की खबर छुपाकर रखी

कर्नल संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट जिले के रहने वाले थे। शहादत के 18 महीने पहले ही वे लद्दाख में तैनात हुए थे। वे 18 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग आफिसर थे।
(अपने पति को अंतिम सलामी देती संतोषी, फोटो क्रेडिट-BCCL)

27

कर्नल बाबू ने हैदराबाद के सैनिक स्कूल में पढ़ाई की थी। इसके बाद वे एनडीए में चुने गए। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटे के अलावा बेटी है।
(आखिरी बार शहीद का चेहरा देखती संतोष)

37

कर्नल बाबू को जब उनके 4 साल के बेटे अनिरुद्ध ने मुखाग्नि दी, तो चारों ओर भारत माता की जय और संतोष बाबू अमर रहे के नारे गूंज उठे थे।
(पत्नी और बच्चों के साथ कर्नल संतोष बाबू)

47

अपने पति को खोने के बावजूद कर्नल की पत्नी संतोषी बेटे को गोद में लेकर पति की चिता को परिक्रमा कराते रहीं।

57

जुलाई, 2020 में तेलंगाना सरकार ने कर्नल की वीरांगना संतोषी को डिप्टी कलेक्टर बनाया था। मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने खुद शहीद के घर जाकर वीरांगाना को नियुक्ति पत्र सौंपा था।
(पति को अंतिम सलामी देतीं संतोषी)

67

बेटे की शहाद की खबर मिलने के बावजूद उनकी मां ने बहू से बात छुपा रखी। उन्हें डर था कि कहीं बहू को गहरा सदमा न लगे।

77

यह तस्वीर गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों की झड़प के दौरान की है। बताते हैं कि चीन के सैनिक लड़ाई की तैयारी से आए थे।
फोटो क्रेडिट-the wire

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos