एक समय था, जब भारत को नेपाल अपना बड़ा भाई मानता था। लेकिन चीनी लालच में वो ऐसा फंसा कि रिश्ते खराब कर लिए। अब खुद आर्थिक संकट में फंसता जा रहा है। दोनों देशों के बीच दरार डालने में होउ यांकी का बड़ी भूमिका मानी जाती है। बता दें कि नेपाल ने होउ यांकी के उकसाने पर ही लिंपुयाधारा कालापानी और लिपुलेख को अपने नक्शे में दर्शाया था। होउ एक शातिर कूटनीतिज्ञ(clever diplomat) मानी जाती हैं, जो पहले पाकिस्तान में भी रह चुकी हैं।