Published : Apr 27, 2020, 06:45 PM ISTUpdated : Apr 28, 2020, 12:47 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच पीएम मोदी से 9 मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की। 3 मई को लॉकडाउन की आखिरी तारीख है, ऐसे में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों और अन्य राज्य के प्रतिनिधियों से बात की। 3 घंटे तक कोरोना से जुड़े तमाम मुद्दों पर बात हुई, लेकिन लॉकडाउन की तारीख को बढ़ाया या न बढ़ाना, चर्चा का मुख्य बिंदू था। चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत तो नहीं दिए, लेकिन राज्यों के बीच कोरोना के नॉन-हॉटस्पॉट वाले इलाकों में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने और हॉटस्पॉट वाले इलाकों में लॉकडाउन के सख्ती से पालन पर सहमति बनी। ऐसे में समझ लेते हैं कि आखिर इसके मायने क्या हैं? 3 मई के बाद देश में कहां-कहां लॉकडाउन खुल सकता है और कहां नहीं?
पीएम मोदी ने हॉटस्पॉट और नॉन-हॉटस्पॉट जैसे दो शब्दों का इस्तेमाल किया। दरअसल, कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार ने भारत के जिलों में तीन भाग हॉटस्पॉट (रेड जोन), नॉन-हॉटस्पॉट (ऑरेंज जोन) और ग्रीन जोन में बांटा है। भारत सरकार ने 15 अप्रैल को कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के 170 जिलों की लिस्ट जारी की। देश के 735 जिलों यानी 358 जिलों (49%) में कोरोना का कोई संक्रमण नहीं है। ऐसे में अगर आज पीएम मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच बातचीत की माने तो देश के आधे भाग यानी 49% से लॉकडाउन हट सकता है, क्योंकि यहां पर कोरोना का खतरा नहीं है।
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भारत सरकार ने 15 अप्रैल को कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के 170 जिलों की लिस्ट जारी की। उन्हीं के आधार पर भारत का यह नक्शा तैयार किया गया है। इसमें कोरोना वायरस से प्रभावित जिलों के चार जोन दिख रहे हैं। हॉटस्पॉट, क्लस्टर के साथ हॉटस्पॉट, नॉन- हॉटस्पॉट और ग्रीन जोन।
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देश में 170 हॉटस्पॉट या रेड जोन हैं। यह वह जिले हैं जहां पर कोरोना के ज्यादा केस हैं। इन जिलों में कोरोना संक्रमण का ग्रोथ रेट ज्यादा है। दूसरे नंबर पर नॉन-हॉटस्पॉट है। देश में नॉट-हॉटस्पॉट या ऑरेंज जोन जिलों की संख्या 207 है। इन जिलों में कोरोना की संख्या तो है लेकिन कम है। यहां पर कोरोना संक्रमण तेजी से नहीं फैल रहा है। तीसरे नंबर पर ग्रीन जोन है। ग्रीन जोन में वह जिले हैं जहां पर कोरोना का एक भी केस नहीं है।
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सामान्य रूप से जिन जगहों पर 10 से अधिक मामले पाए जाते हैं, उन्हें क्लस्टर कहते हैं। जिस जगह ऐसे कई क्लस्टर होते हैं, उसे हम हॉटस्पॉट कहते हैं।
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भारत सरकार ने 15 अप्रैल को कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के 170 जिलों की लिस्ट जारी की। देश के 735 जिलों यानी 358 जिलों (49%) में कोरोना का कोई संक्रमण नहीं है। ऐसे में अगर आज पीएम मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच बातचीत की माने तो देश के आधे भाग यानी 49% से लॉकडाउन हट सकता है, क्योंकि यहां पर कोरोना का खतरा नहीं है। शेष 377 जिलों को तीन भागों में बांटा गया। इनमें से 170 जिले हॉटस्पॉट जिले हैं। 207 कुछ संक्रमण वाले नॉन-हॉटस्पॉट जिले हैं।
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रेड जोन में सबसे ज्यादा तमिलनाडु के जिले हैं। रेड जोन में तमिलनाडु के 22 जिले हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, राजस्थान और आंध्र प्रदेश के 11-11 जिले हैं। उत्तर प्रदेश के 9 और दिल्ली के 9, तेलंगाना के 8, केरल के 6, जम्मू-कश्मीर के 6, -गुजरात के 5, मध्य प्रदेश के 5, पंजाब के 4, हरियाणा के 4 और पश्चिम बंगाल के 4 जिले शामिल हैं। वहीं कर्नाटक के 3, बिहार के 1, चंडीगढ़ का 1, छत्तीसगढ़ का 1, ओडिशा का 1 और उत्तराखंड का 1 जिला शामिल है।
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आंध्र प्रदेश में हॉटस्पॉट (रेड जोन)
कुरनूल, गुंटूर, नेल्लोर, प्रकाशम, कृष्णा, वाईएसआर, पश्चिम गोदावरी, चित्तूर, विशाखपट्टनम, पूर्वी गोदावरी, अनंतपुर
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चंडीगढ़ हॉटस्पॉट (रेड जोन) है
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छत्तीसगढ़ में कोरबा हॉटस्पॉट (रेड जोन) है
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दिल्ली में हॉटस्पॉट (रेड जोन)
दक्षिण दिल्ली, शाहदरा, दक्षिण पूर्व, पश्चिम दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, मध्य दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, दक्षिण पश्चिम दिल्ली
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गुजरात हॉटस्पॉट (रेड जोन)
अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, भावनगर, राजकोट
उत्तर प्रदेश हॉटस्पॉट (रेड जोन)
आगरा, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, लखनऊ, गाजियाबाद, सहारनपुर, शामली, फिरोजाबाद, मुरादाबाद
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उत्तराखंड हॉटस्पॉट (रेड जोन) देहरादून है।
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पश्चिम बंगाल हॉटस्पॉट (रेड जोन)
कोलकाता, हावड़ा, पूरब मेदिनीपुर, 24 परगना उत्तर
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पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1396 नए केस सामने आए हैं। 20,835 लोग ऐसे हैं जो अभी भी कोरोना से संक्रमित हैं। पिछले 24 घंटे में 381 मरीज ठीक हुए हैं। अब तक कोरोना से कुल 6184 लोग ठीक हुए हैं। भारत में कोरोना का रिकवरी रेट 22.17% है।
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लव अग्रवाल ने कहा, आज प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात की। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से सजग और सचेत रहने की जरूरत है। रेड जोन और ऑरेंज जोन में पड़ने वाले सभी जिलों में सख्ती रखते हुए चैन ऑफ ट्रांसमिशन को तोड़ा जाए। लव अग्रवाल ने कहा, हमें समझना होगा कि कोरोना से जो लोग ठीक हो चुके हैं उनसे ट्रांसमिशन का खतरा नहीं है। बल्कि उनका उपयोग प्लाज्मा थेरेपी में एक संभावित स्रोत के रूप में कर सकते हैं।