प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी ने कहा, ज्यादातर मामले विदेशी यात्रियों के प्रवेश के मूल कारण के इर्द-गिर्द या उनके जानकारों की यात्रा करने से संबंधित हैं। इसलिए जो लोग इसे अब भी दूसरा चरण बता रहे हैं, उनका कहना है कि यह पता लग सकने वाला स्थानीय प्रसार है और ऐसा सामुदायिक प्रसार नहीं है जिसका अनुमान न लगाया जा सके।