दाऊद को लात घूंसों से पीटा, एक्ट्रेस हेलन की मदद की... करीम लाला को कहते थे मुंबई का पहला डॉन
मुंबई. शिवसेना सांसद संजय राउत के बयान के बाद से मुंबई का अंडरवर्ल्ड डॉन रहा पठान गैंग का मुखिया करीम लाला फिर सुर्खियों में है। बुधवार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत द्वारा दावा किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मुंबई में पुराने डॉन करीम लाला से मिलने आती थीं। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक की राजनीति में राउत के इस बयान ने खलबली मचा दी है। कहा जाता है कि करीम लाला ने एक बार डी कंपनी के सरगना दाऊद इब्राहिम को लात-घूसों से जमकर पीटा था। वह डॉन हाजी मस्तान से पहले मुंबई में अपराधियों का सरगना था। करीम लाला का असली नाम अब्दुल करीम शेर खान था।
Asianet News Hindi | Published : Jan 16, 2020 7:02 AM IST / Updated: Jan 16 2020, 12:35 PM IST
करीम लाला अफगानिस्तान में पैदा हुआ था। वह पश्तून था और करीब 21 साल की आयु में काम की तलाश में भारत आया था। 1930 में पेशावर से मुंबई पहुंचकर उसने छोटे मोटे काम धंधे करना शुरू किया लेकिन उसे यह रास नहीं आया। करीम लाला घर से संपन्न था और उसे ज्यादा पैसा कमाने की बहुत चाहत थी। इसके लिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। (एक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान करीम लाला, लाल घेरे में)
हाजी मस्तान मिर्जा को भले ही मुंबई अंडरवर्ल्ड का पहला डॉन कहा जाता है, लेकिन अंडरवर्ल्ड के जानकार बताते हैं कि सबसे पहला माफिया डॉन करीम लाला था। जिसे खुद हाजी मस्तान भी असली डॉन कहा करता था। करीम लाला का आतंक मुंबई में सिर चढ़कर बोलता था। मुंबई में तस्करी समते कई गैर कानूनी धंधों में उसके नाम की तूती बोलती थी। बताया जाता है कि वह जरूरतमंदों और गरीबों की मदद भी करता था। (मुंबई का डॉन दाईं तरफ करीम लाला और बाईं तरफ उसका प्रतिद्वंदी)
सबसे पहले उसने मुंबई के ग्रांट रोड स्टेशन के पास एक मकान किराए पर लेकर उसमें सोशल क्लब नाम से जूए का अड्डा खोला। इस क्लब ने देखते ही देखते मुंबई में अपनी धाक जमा ली। उसके इस क्लब में जुआ खेलने मुंबई के कई नामी गिरामी सेठ आते थे। जहां से उसकी जान-पहचान भी बनने लगी। जुए के अलावा उसने मुंबई पोर्ट पर कीमती गहनों, सोने, हीरों की तस्करी में भी हाथ आजमाया। आजादी के पहले तक उसने इस धंधे से बहुत पैसा कमाया। (एक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान की करीम लाला की तस्वीर)
कुछ समय बाद मुंबई पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल इब्राहिम कासकर के दो बेटे दाऊद इब्राहिम कासकर और शब्बीर इब्राहिम कासकर हाजी मस्तान की गैंग से जुड़ गए। दोनों ने करीम लाला के एरिया में तस्करी का धंधा शुरू कर दिया। इससे नाराज होकर करीम लाल ने दाऊद को पकड़कर खूब पीटा था। यहां से भागकर दाऊद ने किसी तरह अपनी जान बचाई थी। (अंडरवर्ल्ड की दुनिया में दाऊद ने कदम रखा दाईं तरफ दाऊद और बाईं तरफ लाला)
बाद में फिर एक बार दाऊद ने करीम लाला के इलाके में धंधा शुरू किया। जिसके बाद दाऊद को कड़ा सबक सिखाने के लिए 1981 में पठान गैंग ने दाऊद के भाई शब्बीर की हत्या कर दी। इसके बाद दाऊद ने करीम लाला के भाई रहीम खान की 1986 में हत्या कर दी। 90 साल की उम्र में 19 फरवरी 2002 को मुंबई में करीम लाला की मौत हो गई। (लाला और इंदिरा गांधी को लेकर राउत ने बड़ा बयान दिया है। बायीं तरफ लाला और दायीं तरफ संजय राउत)
करीम लाला को फिल्म उद्योग के करीब माना जाता था। अभिनेत्री हेलन एक बार मदद के लिए करीम लाला के पास आई थीं। हेलन का एक दोस्त पीएन अरोड़ा उसकी सारी कमाई लेकर फरार हो गया था। वो पैसे वापस देने से मना कर रहा था। हताश होकर हेलन सुपरस्टार दिलीप कुमार के माध्यम से करीम लाला के पास पहुंचीं। दिलीप कुमार ने उन्हें करीम लाला के लिए एक खत भी लिखकर दिया। करीम लाला ने इस मामले में मध्यस्थता की और हेलन का पैसा वापस मिल गया था।(बाईं तरफ मशहूर अदाकार हेलन और दाईं तरफ डॉन लाला)