BJP को 1% कम वोट मिला तो सीधे घट गई थी 28 सीट, ऐसा है दिल्ली विधानसभा चुनाव के 12 सालों का इतिहास
नई दिल्ली. दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों पर एक चरण में ही चुनाव होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा, 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। 11 फरवरी को नतीजे जारी कर दिए जाएंगे। चुनावों का नामांकन भरने का अंतिम दिन 21 जनवरी है। नामांकन पत्रों की जांच 22 जनवरी को होगी और 24 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। दिल्ली में तत्काल प्रभाव से आदर्श आचार संहिता लागू कर दिया गया है। सी विजिल ऐप के जरिए आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी शिकायतों को दर्ज कराया जा सकेगा। इससे पहले 2014 लोकसभा चुनाव के पहले 2013 में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। हालांकि आप ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर हो रहीं आलोचनाओं के चलते उन्होंने सिर्फ 49 दिन में ही इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 2015 में फिर विधानसभा हुए। इसमें आप को पूर्ण बहुमत मिला। भाजपा को सिर्फ 3 सीटें मिलीं।
Asianet News Hindi | Published : Jan 6, 2020 10:05 AM IST / Updated: Jan 06 2020, 04:12 PM IST
विधानसभा चुनाव 2013 और 2015 की बात करें तो भाजपा को साल 2013 में 33.3% वोट मिले थे, तब भाजपा को 31 सीट मिली। लेकिन एक साल बाद ही साल 2015 में चुनाव हुए तब भाजपा को 32.3% वोट मिले, लेकिन सीटों की संख्या घटकर 3 पर आ गई।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2008 में कांग्रेस को 43 और भाजपा को 23 सीट मिली थी।
2008 में वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को 40% और भाजपा को 36% वोट मिले थे।
दिल्ली विधानसभा 2013 में भाजपा को 31, आप को 28 और कांग्रेस को 8 सीट मिली थी।
2013 में वोट प्रतिशत की बात करें तो भाजपा को 33.3% और आप को 29% वोट मिले।
दिल्ली विधानसभा 2015 में आप को 67 और भाजपा को सिर्फ 3 सीट मिली।
2015 में आप को 54% वोट मिले। वहीं भाजपा को 32% वोट मिले थे।