दिल्ली हिंसा : चश्मदीद ने बताया, मैं दूध लेने गया था, दंगाईयों ने मेरी 85 साल की मां को जिंदा जला दिया
नई दिल्ली. उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा की वजह से 34 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। गंगा विहार से कुछ लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगहों पर जा रहे हैं। उनका कहना है कि यहां पर हम कमाने-खाने के लिए आए थे, लेकिन यहां पर जिंदा रहना ही मुश्किल है। अभी नहीं भागे तो जान नहीं बचेगी। वहीं मौजपुर के लोगों ने बताया कि हिंसा करने वालों में स्थानीय लोग नहीं थे। कई बाहरी लोगों ने हिंसा की। पुलिस ने जांच में पाया कि हिंसा फैलाने में व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल किया गया। ग्रुप पर ही भड़काऊ भाषण और वीडियो भेजे गए। इतना ही नहीं, ग्रुप में यह भी बताया जा रहा था कि कहां पर हमला करना है।
Asianet News Hindi | Published : Feb 27, 2020 8:54 AM IST / Updated: Feb 28 2020, 11:20 AM IST
भजनपुरा में एक 85 साल की महिला को जिंदा जला दिया गया। बेटे ने बताया, मैं दूध लेने गया था, तभी भीड़ मेरे घर में घुस आई।
दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा में 250 लोग जख्मी हैं। GTB अस्पताल में 30 और LNJP अस्पताल में 2 मौतें दर्ज हुईं।
पुलिस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश से भी हथियार मंगाए गए थे।
हिंसा पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) ने लोगों से शांति-भाईचारे की अपील की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोगों को बताया जा रहा था कि कहां पर हमला करना है।
व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए हिंसा फैलाने का दावा किया जा रहा है।
हिंसा पर अरविंद केजरीवाल ने कहा- हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना तैनात की जाए।
हिंसा से पहले कई व्हाट्सएप ग्रुप बने थे।
भजनपुरा में बेटे ने बताया, दंगाइयों ने पहले तोड़फोड़ की, फिर आग लगा दी।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि अब तक 18 FIR दर्ज की गई हैं और 106 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
भजनपुरा में 85 साल की बुजुर्ग महिला को जिंदा जला दिया।
बेटे ने बताया, मैंने भीड़ में किसी को पहचाना नहीं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद स्थिति को संभालने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल बुधवार को मोर्चा संभाल लिया।
बेटे ने बताया, मैं उस वक्त दूध लेने गया था। अचानक यह सब हुआ।
दिल्ली हिंसा के बाद कई लोग पलायन कर गए थे।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों पर काबू पाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार रात तक 24 घंटे में 3 बैठकें कीं।
दिल्ली के गंगा विहार से कई लोग घर छोड़कर जा रहे हैं।
चश्मदीदों ने बताया, दंगाइयों से बचाने के लिए पुलिस या सुरक्षा बल मौजूद नहीं था।
दिल्ली में हिंसा से सबसे ज्यादा भजनपुरा, घोंडा, यमुना विहार, चांदबाग, करावल नगर प्रभावित हैं।
चश्मदीद ने बताया कि दंगाईयों ने दुकानों में लूटपाट की फिर आग लगा दी।
दंगाई अपने साथ पेट्रोल लेकर घूम रहे थे।
दिल्ली हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई।
दंगाइयों ने बंद दुकानों के शटर तोड़कर लूटपाट की।
मौजपुर के लोगों का कहना है कि हिंसा में स्थानीय लोग नहीं थे।
अब तक हिंसा फैलाने वालों में जिन आरोपियों की पहचान हुई है, उनमें से 106 को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मौजपुर ने कहा, हम लोग यहां से कहीं नहीं जाएंगे।
मौजपुर के लोगों ने बताया, पत्थर के आगे कौन टिकता।
हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल को गोली बाएं कंधे से होते हुए दाएं कंधे की ओर गई थी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मौजपुर के लोग हिंसा में शामिल नहीं हैं।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीएए मुद्दे पर हिंसा में मौत का आंकड़ा 34 तक पहुंच गया है।
दिल्ली हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की ऑटोप्सी में साफ हुआ कि उनके शरीर में एक गोली फंसी थी।