कोरोना इफेक्ट: शाहीन बाग में पुलिस ने उखाड़े टेंट, कई गिरफ्तार, खत्म हुआ 100 दिन से चल रहा प्रदर्शन

नई दिल्ली. संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 100 दिनों से जारी धरना प्रदर्शन को पुलिस ने आज मंगलवार को हटा दिया। दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली इस सड़क पर लगे टेंट को भी पुलिस ने उखाड़ दिया। कोरोना वायरस के खतरे के बावजूद महिलाएं धरना दे रही थीं। प्रदर्शनाकरियों को हटाने जब पुलिस पहुंची तो वहां कई महिलाएं धरने पर बैठी थी जिन्हे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले सोमवार को दिल्ली के शाहीन बाग में पंडाल खाली मिले और यहां इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए थे। साउथ ईस्ट के डीसीपी आरपी मीणा ने मंगलवार को कहा कि यहां लॉकडाउन के बावजूद लोग सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों से हटने के लिए कहा।इसके बाद भी जब वे नहीं माने तो पुलिस ने कार्रवाई की।

Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2020 3:05 AM IST / Updated: Mar 24 2020, 10:22 AM IST
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कोरोना इफेक्ट: शाहीन बाग में पुलिस ने उखाड़े टेंट, कई गिरफ्तार, खत्म हुआ 100 दिन से चल रहा प्रदर्शन
कोरोना की वजह से दिल्ली समेत पूरा भारत लॉकडाउन है। बावजूद इसके मंगलवार को महिलाएं फिर से जुटने लगीं। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को हटाकर वहां से टेंट उखाड़ दिया गया। साथ ही कुछ को हिरासत में भी लिया गया। शाहीन बाग में महिलाएं पिछले 100 दिनों से धरने पर बैठी थीं।
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भारी सुरक्षा बलों की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों के टेंट को हटा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि कोरोना के कारण जैसे हालात बने हैं, हमें एकाएक प्रदर्शनस्थल को खाली कराने का निर्णय किया है। हालांकि, सोमवार रात से ही हलचल शुरू हो गई थी।
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कोरोना के कारण हुई कार्रवाईः दिल्ली पुलिस का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण कई शहर लॉकडाउन में है। दिल्ली भी लॉकडाउन किया गया है। हमने शाहीन बाग के लोगों से अपील की है कि वह प्रदर्शन से हट जाएं। कोरोना वायरस का खतरा यहां पर है।
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पुलिस का कहना है कि हम लोगों से कह रहे हैं कि वह शांतिपूर्ण तरीके से हट जाएं, ताकि लोगों की जान हिफाजत में रहे। किसी को कोई जोखिम नहीं उठाना पड़े, क्योंकि यह बहुत संक्रमण वाली बीमारी है।
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सड़क खोलने की कवायदः मौके पर पहुंचे दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से पाव पसार रहा है। हम सभी लोगों को इसको रोकना है, इसलिए हम शांतिपूर्ण तरीके से धरनास्थल को खाली करा रहे हैं। हमें सड़क भी खाली करानी है, क्योंकि एंबुलेंस समेत कई जरूरी सामानों की गाड़ियों की आवाजाही हो सके।
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पिछले साल दिसंबर माह में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून पेश किया था। नागरिकता संशोधन कानून 2019 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है। देश भर में इस कानून को लेकर विरोध हुआ। कई लोगों का कहना था कि यह कानून धर्म के आधार पर बना है जो देश के संविधान के मूल प्रस्तावना के खिलाफ है।
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सिर्फ 5 महिलाएं दे रही थी धरनाः कोरोना वायरस के कारण पूरी दिल्ली में धारा-144 लगा दी गई है और सातों जिलों को लॉकडाउन किया गया है। इससे पहले रविवार को पूरे देश में जनता कर्फ्यू लगाया गया था। इसका शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने भी समर्थन किया था और उस दिन सांकेतिक धरना चला था, लेकिन इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कोरोना के संक्रमण को देखते हुए फैसला किया था कि अब सिर्फ 5 महिलाएं धरने पर बैठेंगी।
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