ना कोई एंटीबायोटिक, ना कोई विदेशी दवा; 4 दिन में इस दो गोली से ठीक हुई कोरोना संक्रमित विदेशी महिला
लखनऊ. कोरोना वायरस ने भारत के 20 से अधिक राज्यों में आतंक मचा रखा है। ताजा जारी आंकडों के मुताबिक कोरोना से अब तक 342 लोग संक्रमित पाए गए हैं। जबकि 6 लोगों की मौत हो गई है। इन सब के बीच यूपी से एक राहत भरी खबर सामने आई है। जहां कनाडा से आई कोरोना संक्रमित महिला डॉक्टर को लखनऊ के केजीएमयू से डिस्चार्ज कर दिया गया है। महिला अब पूरी तरह से ठीक है। इसके बावजूद उन्हें अगले 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहने को कहा गया है। हैरानी वाली बात यह है कि बिना किसी एंटीबायोटिक और विदेशी दवा के आखिर वह 4 दिन में कैसे ठीक हो गई।
विदेशी महिला को पूरे इलाज के दौरान महिला को न तो कोई एंटीबायोटिक दी गई, न कोई विदेशी दवा या इंजेक्शन। उन्हें महज चार दिन स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली टेमीफ्लू की एक-एक गोली सुबह शाम दी गई। महज इतने से महिला पूरी तरह ठीक हो गई हैं।
केजीएमयू में महिला का इलाज कर रहे मेडिसिन विभाग के डॉ. सुधीर वर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस भी एक तरह का फ्लू है। सिर्फ इसका प्रभाव ज्यादा है। आम फ्लू में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही उससे लड़ने के लिए काफी होती है। ठीक उसी तरह इसमें भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता लड़ने में पर्याप्त है।
डॉक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। सिर्फ शरीर में अगर कोई लक्षण जैसे फीवर, कफ, खांसी आदि होती है तो उसके मुताबिक दवा दी जाती है। अगर आप युवा हैं तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। सिर्फ सावधान रहने की जरूरत है। अगर सीनियर सिटिजन हैं तो उनका थोड़ा खास ख्याल रखने की जरूरत है।
11 मार्च को महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसे आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती किया गया। अगले दिन महिला का लैपटॉप-मोबाइल आदि भी सैनिटाइज कर दिया गया। वॉर्ड में सामान्य भोजन दिया गया। जिसके बाद महिला को 16 मार्च तक सिर्फ आईसोलेशन में रखा गया। कोई दवा नहीं दी गई। 17 मार्च को महिला को हल्का बुखार आया। इसके बाद डॉक्टर ने स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली एक-एक टेमिफ्लू टैबलट एक सुबह और एक शाम को देनी शुरू की।
20 मार्च तक महिला को टेमीफ्लू दी गई। इसी दिन सैंपल की जांच निगेटिव आ गई। इसके बाद फिर एक सैंपल भेजा गया। लेकिन 21 मार्च को दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई। इसके बाद डॉक्टर ने महिला को डिस्चार्ज कर दिया।
महिला डॉक्टर के डिस्चार्ज होने के बाद केजीएमयू में अभी कोरोना से संक्रमित मरीज भर्ती हैं। इनमें एक मरीज डॉक्टर का चचेरा भाई है, जो अब लगभग ठीक होने वाला है। डॉक्टरों के मुताबिक, रिपोर्ट निगेटिव आते ही उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। वहीं, 28 वर्षीय रेजिडेंट डॉक्टर की हालत भी ठीक है।
राज्यवार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या देखें तो आंध्र प्रदेश में 3, छत्तीसगढ़ में एक, दिल्ली में 26, गुजरात में 13, हरियाणा में 20, हिमाचल प्रदेश में 2, कर्नाटक में 18, केरल में 52, मध्य प्रदेश में 4, महाराष्ट्र में 63, ओडिशा में 2, पुदुचेरी में एक, पंजाब में 13, राजस्थान में 23, तमिलनाडु में 6, तेलंगाना में 21, चंडीगढ़ में 5, जम्म-कश्मीर में 4, लद्दाख में 13, उत्तर प्रदेश में 25, उत्तराखंड में 4 और पश्चिम बंगाल में 3 केस आए हैं। इनमें से 23 लोग ठीक हो चुके हैं। जबकि 6 की मौत हुई है।
बिहार में कोरोना से पहली मौत सामने आ चुकी है। बिहार के मुंगेर जिले का 38 वर्षीय सैफ अली बीते दिनों कर से वापस आया था। घर लौटने के बाद उसकी तबियत खराब हो गई थी। उसे पटना के एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां रविवार को उसकी मौत हो गई। राज्य में कोरोना से पहली मौत की पुष्टि स्वास्थय मंत्रालय ने कर दी है। बताया जाता है कि सैफ अली को 20 मार्च को पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। उसका किडनी फेल्योर था और डायबिटीक भी था। एम्स में उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था पर उसकी मौत हो गई। एम्स के डायरेक्टर ने उसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की है। साथ ही साथ यह भी कहा है कि उसका किडनी फेल्योर था।
75 जिलों को किया गया लॉकडाउन कोरोना वायरस के बढ़ते असर को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने राज्य सचिवों के साथ बैठक की। बैठक में सामने आया कि देशभर के 75 जिले कोरोना से प्रभावित हैं। जिन्हें लॉकडाउन करने का निर्णय लिया गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकारों द्वारा तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने कल सुबह तक जनता कर्फ्यू को बरकरार रखने की बात कही है।
राजस्थान, पंजाब पूरी तरह से बंदः कोरोना वायरस के बढ़ते असर को देखते हुए पंजाब और राजस्थान सरकार ने सभी सीमाओं को सील कर दिया है। इसके साथ ही जरूरी सेवाओं के अलावा सभी सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया है। यानी प्रदेश को पूरी तरह से लॉकडाउन रखने के लिए कहा गया है।
कोरोना वायरस के बढ़ते असर को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने निर्णय लिया है कि 31 मार्च तक मालगाड़ी के अलावा सभी ट्रेनों के संचालन पर रोक रहेगी। रेलवे के मुताबिक, 22 मार्च आधी रात से 31 मार्च की आधी रात तक सिर्फ मालगाड़ियां ही चलेंगी। रेलवे 12500 यात्री ट्रेनें चलाता है, जिसमें हर दिन औसतन 2.3 करोड़ लोग सफर करते हैं। इस बीच, कैबिनेट सेक्रेटरी ने रविवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए कि मेट्रो सर्विसेस और इंटर स्टेट बसों को भी 31 मार्च तक रोक दिया जाए। रेलवे 9000 पैसेंजर ट्रेनें और 3500 मेल-एक्सप्रेस हर दिन चलाता है। इनमें लंबी दूरी वाली मेल/एक्सप्रेस, इंटरसिटी ट्रेनें, प्रीमियम ट्रेनें और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं।