दंगाईयों ने सिर में गोली मारकर उतार दिया मौत के घाट, 6 साल का बेटा बार बार पूछ रहा कब आएंगे पापा

नई दिल्ली. संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन दिनों तक हुए हिंसा के बाद चौथे दिन स्थिति शांत है। इन सब के बीच दिल्ली हिंसा की एक दर्दनाक खबर सामने आई है। जिसमें तनाव के माहौल में अपनी दुकान से सामान निकालने गए घोंडा के सुभाष मोहल्ला निवासी 28 वर्षीय मारुफ पर वहां से गुजर रही भीड़ गोलियां दाग दीं। उनके शरीर के ऊपरी हिस्से में दो गोलियां लगीं। जिससे अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

Asianet News Hindi | Published : Feb 27, 2020 10:26 AM IST

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दंगाईयों ने सिर में गोली मारकर उतार दिया मौत के घाट, 6 साल का बेटा बार बार पूछ रहा कब आएंगे पापा
अब उनका 6 साल का मासूम बेटा फरहान और 9 साल की बेटी फिजा उनके घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कौन बताए कि नफरत की आंधी ने हमेशा के लिए उनके सिर से पिता का साया छिन लिया। (फाइल फोटो-मारुफ)
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उपद्रव के माहौल में मारुफ अली दुकान से बिजली के पंखे और अन्य उपकरण हटाने के लिए पहुंचे थे। दुकान खाली करने के बाद वे रात के वक्त पड़ोस में रहने वालों के साथ गली में पहरेदारी कर रहे थे। मारुफ के रिश्तेदार नजीर ने बताया कि घटना के वक्त वहां से करीब 200 लोगों की भीड़ गुजर रही थी।
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इनमें से अधिकतर के हाथों में असलहे थे। अचानक उन्होंने एक के बाद एक गोलियां मारुफ को निशाना बनाकर दाग दीं। उनके शरीर के ऊपरी हिस्से में दो गोलियां लगीं। जिसके बाद मारुफ को आनन फानन में लोकनायक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना में एक और युवक शमशाद के पेट में भी गोली लगी हैं।
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उसकी सर्जरी की गई है। मारुफ के भाई फारुख ने बताया कि परिवार में उनके पिता उम्मेद अली और मारुफ की पत्नी और दो बच्चे हैं। उनका सवाल है कि इनकी देखभाल अब कौन करेगा। उन्होंने मांग की कि भीड़ की शक्ल में पहुंचे कातिलों को सजा मिलनी चाहिए।
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दिल्ली हिंसा में आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने अपने घर की छत पर हिंसा के लिए सामान इकट्ठा किया। हालांकि आरोपों पर पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा, हम पहले दिन से कह रहे हैं कि हिंसा के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसपर एक्शन लिया जाना चाहिए। अगर किसी के खिलाफ सबूत मिलते हैं, तो एक्शन जल्द से जल्द होना चाहिए।
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कैसे हुई हिंसा की शुरुआत? शाहीनबाग में सीएए के विरोध में करीब 2 महीने से ज्यादा वक्त से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। रविवार की सुबह कुछ महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया। दोपहर होते-होते मौजपुर में भी कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। शाम को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, वह दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे।
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वे भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए हैं। उन्होंने लिखा, सीएए के समर्थन में मौजपुरा में प्रदर्शन। मौजपुर चौक पर जाफराबाद के सामने। कद बढ़ा नहीं करते। एड़ियां उठाने से। सीएए वापस नहीं होगा। सड़कों पर बीबियां बिठाने से।' भाजपा समर्थकों के सड़क पर उतरने के बाद मौजपुर चौराहे पर ट्रैफिक दोनों तरफ से बंद हो गया है। समर्थन में लोग सड़कों पर बैठ गए हैं। इसी दौरान सीएए का विरोध करने वाले और समर्थन करने वाले दो गुटों में पत्थरबाजी हुई। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई।
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अजीत डोभाल ने संभाल रखा है मोर्चाः उत्तर पूर्वी दिल्ली में बढ़ रही हिंसा को काबू में करने के लिए गृहमंत्रालय के निर्देश पर एनएसए अजीत डोभाल ने मंगलवार रात को ही मोर्चा संभाल लिया। इसके साथ ही रात में ही वह हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे। उन्होंने मौजपुर, जाफराबाद और घोंडा का दौरा किया। NSA ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील के साथ ही उन्हें भरोसा भी दिलाया कि उनकी सुरक्षा में दिल्ली पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है और जो भी इस हिंसा के दोषी है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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अब तक 34 की मौतः हिंसा के दौरान मंगलवार तक 13 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन 14 और लोगों की मौत के बाद मरने वालों का आंकड़ा 27 हो गया था। इन सब के बीच दिल्ली के स्वास्थय विभाग ने पुष्टि की है कि अब मरने वालों की कुल संख्या 34 हो गई है। वहीं, 250 से अधिक लोग घायल हैं, इनमें 30 की हालत नाजुक है। सुरक्षा के मद्देनजर ब्रह्मपुरी रोड से घोंडा चौक, नूर-ए-इलाही चौक, यमुना विहार के चप्पे-चप्पे पर आईटीबीपी और सीआरपीएफ तैनात रही। करावल नगर रोड, बृजपुरी रोड, शिव विहार, मुस्तफाबाद, मौजपुर, जाफराबाद, सीलमपुर, ज्योति नगर, मौजपुर, गोकलपुरी, चांदबाग, वेलकम आदि इलाकों में भी पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
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