दंगाई घेरकर लड़कों के साथ कर रहे थे मारपीट, मसीहा बनकर आया ये जवान, बचा ली 4 की जान
नई दिल्ली. दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में पिछले हफ्ते हिंसा हुई थी। इसमें अभी तक 47 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 300 से ज्यादा अभी भी जख्मी हैं। दिल्ली हिंसा के वक्त की कई ऐसी घटनाएं अब सामने आ रही हैं, जिनमें लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की। तो कहीं सुरक्षाबल भगवान बनकर सामने आए। इसी तरह से हिंसा के वक्त रेपिड एक्शन फोर्स का एक अफसर दंगाइयों में फंसे लोगों के लिए मसीहा बनकर आया। उन्होंने बहादुरी और साहस का परिचय देते हुए चार लोगों की जान बचा ली।
Asianet News Hindi | Published : Mar 2, 2020 10:55 AM IST / Updated: Mar 02 2020, 04:31 PM IST
दरअसल, रेपिड एक्शन फोर्स की बटालियन 103 के अफसर अशोक कुमार उत्तर पूर्वी दिल्ली के शिव विहार में तैनात थे। उनके साथ 19 और जवान थे। उसी वक्त एक रिक्शा चालक ने आकर उन्हें बताया है कि उसकी तीन सवारियों को दंगाइयों ने पकड़ लिया है और वे उनके साथ मारपीट कर रहे हैं।
इस जानकारी के मिलने के तुरंत बाद अशोक कुमार अपने साथी जवानों के साथ उस जगह पहुंचते हैं। वहां उन्होंने देखा कि करीब 100 से ज्यादा लोग उन तीन लड़कों को बुरी तरह से मार रहे हैं। इसके बाद उन्होंने वहां से भीड़ को भगाया।
एएनआई से बातचीत में कुमार ने बताया कि यह मामला 27 फरवरी को करीब 3 बजे का है। एक ऑटो रिक्शा चालक तीन यात्रियों को गाजियाबाद के लोनी से दयालपुर ले जा रहा था। लेकिन शिव विहार में भीड़ ने रिक्शा को घेर लिया। रिक्शा चालक वहां से किसी तरह भागने में कामयाब हुआ। उसने आरएएफ टीम से तुरंत जाकर मदद मांगी।
उन्होंने बताया, हम बिना देर लगाए, हिंसा वाली जगह पर पहुंचे। यहां 100 लोगों की भीड़ लड़को को बुरी तरह से पीट रही थी। उन्होंने बताया कि हमने किसी तरह से पहले उन लड़कों को निकाला। हमें भीड़ को काबू करने में करीब आधा घंटा लगा। यह हमारे लिए भी खतरे से खाली नहीं था। लेकिन हमने इस स्थिति को काबू कर लिया।
पुलिस ने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में फिलहाल शांति कायम है। प्रशासन ने यहां एक महीने के लिए धारा-144 लगाई है, लेकिन शनिवार सुबह इसमें 4 घंटे की छूट दी गई थी।
पुलिस ने अब तक 254 एफआईआर दर्ज कीं, 903 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। पिछले दो दिन में उत्तर पूर्वी जिले से हिंसा का कोई मामला सामने नहीं आया है। पुलिस लोगों से सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाले अफवाहों पर ध्यान न देने और इसकी शिकायत अधिकारियों से करने के लिए कह रही है।
दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में 23, 24 और 25 फरवरी को हिंसा हुई थी। इसमें अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है। 300 से ज्यादा जख्मी हैं। यह हिंसा नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध करने वाले गुटों के आमने सामने आने के बाद शुरू हुई।
हिंसा में मुख्य रूप से जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास, गोकुलपुरी और भजनपुरा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
दिल्ली में 25 फरवरी की शाम के बाद से हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई। हालांकि, हिंसा को लेकर रविवार शाम को अफवाह जरूरी फैली थीं।