दिल्ली हिंसा में हुए घायलों को वीर जवानों ने दिया अपना खून, बटालियन देख हैरान रह गए डॉक्टर

नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली की सड़कों पर दंगे के बाद सड़के खूनी हो गई हैं। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोधी और समर्थक के बीच हुई झड़पों के बाद हिंसा इतनी बढ़ गई कि इसमें 36 लोगों की मौत हो चुकी है। 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। हिंसा में कई घरों के चिराग बुझ गए। किसी ने अपनों को खोया, तो कोई अपनों को अस्पताल में मौत और जिंदगी के बीच जूझता देख रहा है। दिल दहला देने वाली इन खबरों के बीच मानवता की की मिसाल पेश की है हमारे भारतीय जवानों ने। सीआरपीएफ के जवानों ने दिल्ली हिंसा में घायल लोगों के लिए अपना खून दिया है। करीब 1,300 जवान अस्पताल में खून देने पहुंच गए। दिल्ली के जीटीबी अस्पताल जवानों की पूरी फौज आते देख डॉक्टर भी हैरान रह गए। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 29, 2020 6:26 AM IST / Updated: Feb 29 2020, 11:57 AM IST
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दिल्ली हिंसा में हुए घायलों को वीर जवानों ने दिया अपना खून, बटालियन देख हैरान रह गए डॉक्टर
केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के लगभग दो दर्जन से ज्यादा जवानों ने ब्लड डोनेशन किया। बुधवार देर शाम को 35 सीआरपीएफ जवानों ने गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) हॉस्पिटल में ब्लड डोनेट किया। इसी हॉस्पिटल में हिंसा से पीड़ित अधिकतर लोगों का इलाज चल रहा है।
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हालांकि, जीटीबी हॉस्पिटल के एमएस सुनील कुमार ने कहा कि हमारे हॉस्पिटल में ब्लड की कमी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद मैं सीआरपीएफ का धन्यवाद करूंगा कि उन लोगों ने ब्लड डोनेट किया। मिली जानकारी के मुताबिक, सीआरपीएफ के 50 जवान ब्लड डोनेशन के लिए पहुंचे थे, लेकिन 35 जवानों का खून लिया गया, बाकी जवानों को जरूरत पड़ने पर बुलाने का आश्वासन दिया गया।
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सीएपीएफ के अंतर्गत आने वाले सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी के कर्मियों ने रक्तदान किया है। सीएपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसमें सीरआरपीएफ के 500 कर्मी, सीआईएसएफ के 400, बीएसएफ के 350 और आईटीबीपी के 100 सुरक्षाकर्मियों ने ब्लड डोनेट किया है।
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सीएपीएफ के अंतर्गत आने वाले सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी के कर्मियों ने रक्तदान किया है। सीएपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसमें सीरआरपीएफ के 500 कर्मी, सीआईएसएफ के 400, बीएसएफ के 350 और आईटीबीपी के 100 सुरक्षाकर्मियों ने ब्लड डोनेट किया है।
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दिल्ली दंगे में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की दंगाइयों ने जान ले ली थी। वहीं गंभीर रूप से घायल डीसीपी अमित शर्मा का अस्पताल में अब भी इलाज चल रहा है। ऐसे हालात में पैरा-मिलिटरी फोर्स उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाके में सुरक्षा दे रही है तो वहीं, हिंसा की आग में झुलसे दिल्लीवासियों की जान बचाने के लिए सीआरपीएफ के जवानों ने अपना खून देकर मिसाल पेश की।
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आपको बता दें कि हिंसा में मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 36 हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हैं। हिंसा में अब तक 18 एफआईआर दर्ज की गई हैं जबकि 106 लोगों को अरेस्ट किया गया है। घटना की जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी गई है। बहरहाल दिल्ली के हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। तनावग्रस्त इलाकों में भारी सुरक्षाबल की तैनाती है।
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इस बीच दिल्ली पुलिस ने 18 एफआईआर दर्ज करके 106 लोगों को गिरफ्तार किया है। उधर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने हिंसाग्रस्स इलाके में लोगों से मुलाकात की और शांति का भरोसा दिलाया। इन सबके बीच आज दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली हिंसा पर फिर सुनवाई होनी है।
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