जोशीमठ के आसपास नहीं होगा अब कोई कंस्ट्रक्शन, 'दरारों' से खतरे में आए प्राचीन कस्बे को बचाने संघर्ष जारी

नई दिल्ली/देहरादून(New Delhi/Dehradun).दरार प्रभावित जोशीमठ(subsidence-hit Joshimath) में दो 'असुरक्षित' होटलों को गिराने की प्रक्रिया 12 जनवरी से शुरू हो गई। बता दें कि 2 जनवरी को सबसे पहले यहां दरारें देखी गई थीं। ये लगातार फैलती गईं। हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि अब नई दरारे नहीं दिखाई दीं। यानी खतरा मानों टल गया है। इस बीच पहाड़ों पर बर्फबारी और जोशीमठ में बारिश ने खतरा और बढ़ा दिया है। इधर, सरकार की ओर से गठित समिति की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि अलकनंदा नदी की तरफ से जोशीमठ की धरती पर हो रहे कंस्ट्रक्शन के चलते भू-कटाव पैदा हुआ है। जोशीमठ को लेकर 4 रिसर्च हुए हैं। इनमें ये सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। अब इस दिशा में ट्रीटमेंट प्लान तैयार हो रहा है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
 

Amitabh Budholiya | Published : Jan 13, 2023 2:51 AM IST / Updated: Jan 13 2023, 08:23 AM IST

110
जोशीमठ के आसपास नहीं होगा अब कोई कंस्ट्रक्शन, 'दरारों' से खतरे में आए प्राचीन कस्बे को बचाने संघर्ष जारी

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 12 जनवरी को राज्य सरकार से चमोली जिले के दरार प्रभावित जोशीमठ कस्बे के लिए एक मजबूत योजना बनाने को कहा है। जोशीमठ संकट पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की बेंच ने सरकार को इस मामले को देखने के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक समिति बनाने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि समिति में डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सीईओ पीयूष रौतेला के अलावा एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, एमपीएस बिष्ट को शामिल करना चाहिए। बेंच ने कहा कि समिति दो महीने के भीतर सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी।
 

210

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने  यह भी निर्देश दिया कि जोशीमठ के आसपास के क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश तुरंत पारित किया जाए। जोशीमठ, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों और अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली का प्रवेश द्वार, भूमि धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। कस्बे में रहने वाले कुल 169 परिवारों को अब तक राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। 
 

310

दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ की स्थिति पर केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, आर के सिंह, भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत और टॉप लेवल अधिकारियों की एक बैठक में लोगों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का आकलन किया। अधिकारियों ने बताया कि होटल मलारी इन और माउंट व्यू में दरारें पड़ गई थीं और वे एक-दूसरे की ओर झुके हुए थे, जिससे उनके आसपास की बस्तियों के लिए खतरा पैदा हो गया था।
 

410

प्रशासन और होटल के मालिकों के बीच एक समझौते के बाद उन्हें गिराने का काम शुरू हुआ। आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने मीडिया को बताया कि होटल मलारी इन के साथ रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की तकनीकी देखरेख में इमारतों को गिराया जा रहा है। यह काम 10 जनवरी को किया जाना था, लेकिन इसके मालिक ने बद्रीनाथ जीर्णोद्धार मास्टरप्लान द्वारा विस्थापित लोगों को जो पेशकश की गई थी, उसके अनुसार मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे। ऑपरेशन में शामिल एक अधिकारी ने कहा, "सब कुछ सीबीआरआई की तकनीकी देखरेख में किया जाएगा। होटलों को इस तरह से तोड़ा जाएगा कि आस-पास के ढांचे को कोई नुकसान न हो।"

510

इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि अधिकारी जोशीमठ में प्रभावित परिवारों का पुनर्वास कर रहे हैं और क्षेत्र में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) को तैनात किया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन सिन्हा ने देहरादून में संवाददाताओं से कहा कि गुरुवार को 27 और परिवार अस्थायी राहत केंद्रों में चले गए, जबकि कस्बे में दरारें वाले घरों की संख्या बढ़कर 760 हो गई।  589 सदस्यों वाले कुल 169 परिवारों को अब तक राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। जोशीमठ और पीपलकोटी में 835 कमरे राहत केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं, जिनमें एक साथ 3,630 लोग रह सकते हैं।

610

अब तक 42 प्रभावित परिवारों को 1.5 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए जोशीमठ के प्रभावित परिवारों को दिए जाने वाले मुआवजे के लिए एक समिति बाजार दर तय करेगी। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में बुधवार को 19 सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जो प्रत्येक प्रभावित परिवार को 1.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता राशि वितरित करेगी और यह तय करेगी कि किस दर पर मुआवजा दिया जाना है। (उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 12 जनवरी, 2023 को जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में दर्शन के दौरान)

710

मुख्यमंत्री धामी ने समिति के साथ एक बैठक में कहा, "लोगों को सबसे अच्छा मुआवजा मिलेगा। राज्य सरकार उनके उचित पुनर्वास के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उनके जीवन और संपत्ति की रक्षा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।" प्रत्येक प्रभावित परिवार को तत्काल 1.50 लाख रुपये का भुगतान किए जाने पर, जिसके लिए 45 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं

810

मुख्यमंत्री ने धामी ने कहा, "यह केवल एक अंतरिम राहत है। अंतिम मुआवजे और पुनर्वास के विवरण पर काम किया जा रहा है।" धामी ने कहा कि अंतरिम सहायता शुक्रवार तक प्रभावित परिवारों के बैंक खातों में पहुंच जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि जोशीमठ के बारे में गलत धारणा बनाई जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित हो सकती है। धामी ने कहा, "औली में शीतकालीन खेल फरवरी में शुरू हो रहे हैं और चार धाम यात्रा कुछ महीनों में शुरू हो रही है। जोशीमठ के बाहर यह संदेश देना कि पूरा शहर डूब रहा है, गलत है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।"

910

धामी ने कहा कि जोशीमठ में केवल 20-25 प्रतिशत घर भू-धंसाव से प्रभावित हुए हैं न कि पूरा शहर। उन्होंने कहा कि एक नकारात्मक प्रभाव पैदा करने से स्थानीय लोगों की आजीविका को नुकसान हो सकता है, जो पर्यटन और तीर्थयात्राओं से उत्पन्न आय पर निर्भर करते हैं। उन्होंने इस संकट उबरने के लिए लोगों के मनोबल को मजबूत करने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।

यह भी पढ़ें-क्या वाकई हर साल 2.60 इंच धंस रहा जोशीमठ, कुछ अफवाहें भी फैलाई जा रहीं, पढ़िए वो सबकुछ, जो आप जानना चाहते हैं?
 

1010

कर्णप्रयाग में घरों में दरारें आने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर धामी ने कहा कि ये वहां कुछ समय से हैं। जोशीमठ से लगभग 80 किमी दूर, कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में कम से कम 50 घरों में 2015 से दरारें आ रही हैं।

यह भी पढ़ें-क्या जोशीमठ पर मंडरा रहा 'प्रलय' का बड़ा खतरा टल गया है, पढ़िए चौंकाने वाला एक खुलासा

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos