भारत में धारावी में तेजी से हो रही मौत, 3 सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित राज्यों से भी ज्यादा है डेथ रेट

नई दिल्ली. भारत में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली हैं। लेकिन इन तीनों राज्यों से ज्यादा डेथ रेट धारावी की है। धारावी में डेथ रेट 4.86% है। भारत में कोरोना से 29,571 लोग संक्रमित हो चुके हैं। यह आंकड़ा 28 अप्रैल सुबह 12 बजे तक का है। इनमें 21492 लोग अभी भी संक्रमित हैं। 7141 लोग ठीक हो चुके हैं और 939 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज हैं। महाराष्ट्र में कोरोना के 8590 केस आ चुके हैं। इसके बाद गुजरात का नंबर है। यहां 3548 कोरोना के केस हैं। तीसरे नंबर पर दिल्ली है। यहां कोरोना के 3108 केस हैं। चौथे नंबर पर राजस्थान है। यहां कोरोना के 2328 केस हैं। पांचवे नंबर पर मध्य प्रदेश है। यहां कोरोना के 2165 केस हैं। आगे की कुछ स्लाइड्स में बताते हैं कि भारत के अलावा कोरोना से प्रभावित टॉप 5 प्रदेशों का डेथ रेट क्या है? धारावी में डेथ रेट ज्यादा होने की वजह क्या है?

Asianet News Hindi | Published : Apr 28, 2020 7:12 AM IST / Updated: Apr 28 2020, 08:31 PM IST

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भारत में धारावी में तेजी से हो रही मौत, 3 सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित राज्यों से भी ज्यादा है डेथ रेट


भारत में कोरोना से डेथ रेट 3.17% है। यहां कोरोना से 29,572 संक्रमित हैं और इससे 939 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि अच्छी खबर यह है कि यहां 7141 लोग ठीक हो चुके हैं। 21492 कोरोना से संक्रमित हैं।

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महाराष्ट्र में कोरोना से 369 लोगों की मौत हो चुकी है। 1282 लोग ठीक हो चुके हैं। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का डेथ रेट 4.29% है। 
 

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गुजरात में कोरोना से 3548 लोग संक्रमित हुए हैं। 162 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां कोरोना संक्रमित डेथ रेट 4.56 है।

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दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 3108 है। यहां 54 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। यहां डेथ रेट 1.73 है।

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राजस्थान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2328 है। यहां संक्रमित मरीजों में मरने वालों की संख्या 50 है। यहां डेथ रेट 2.14 है।

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मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2165 है। यहां पर कोरोना से मरने वालों की संख्या 110 है। यहां डेथ रेट 5.08 है।

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बीएमसी के मुताबिक, मुंबई के धारावी इलाके में कोरोना के 13 नए मामले सामने आए हैं। यहां कोरोना से 14 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां कोरोना से प्रभावित कुल मामलों की संख्या 288 हो गई है। डेथ रेट की बात करें तो धारावी में कोरोना से डेथ रेट 4.86% है।

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धारावी में बड़ी संख्या में कामगार और मजदूर रहते हैं। यहां दस हजार से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। यहां घर-घर में जींस, रेडीमेड कपड़े, लेबलिंग, प्लास्टिक और लैदर का होलसेल काम होता है।

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यहां दस बाई दस फीट के कमरे में पूरा एक परिवार रहता है। इतना ही नहीं यहां 73% लोगों के घर में पर्सनल टॉयलेट नहीं है। ये लोग पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा यहां एक कमरे में 10-15 लोग रहने को मजबूर हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना मुश्किल है। ऐसे में ये समस्याएं कोरोना को फैलने में मददगार हैं।

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धारावी में एक पब्लिक टॉयलेट को रोजाना करीब 60 से 70 लोग यूज करते हैं। इसलिए यहां पर कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने के ज्यादा संभावना है।

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धारावी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना काफी मुश्किल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां पर लोगों के कमरे इतने छोटे हैं कि बस सोने के लिए अंदर जाते हैं।

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देश की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती में अब तक सिर्फ मुट्ठी भर लोगों का परीक्षण किया गया है। ऐसे में प्रशासन द्वारा शुरू किया गया 'मिशन धारावी' कोरोना के खिलाफ ज्यादा कारगार नजर नहीं आ रहा।

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प्रशासन ने बताया, यहां करीब 2500 लोग तैनात किए गए हैं। इसमें हेल्थ वर्कर, क्लीनर्स, वालंटियर तैनात हैं। जो कोरोना से लड़ाई में हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यहां अब तक 200 केस सामने आए हैं। वहीं, 12 लोगों की मौत हुई है।

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धारावी में अप्रैल की शुरुआत में कोरोना का पहला केस सामने आया था। अब यहां 5 हॉटस्पॉट बनाए गए हैं। यहां किसी को अंदर या बाहर नहीं आने जाने दिया जा रहा है। ग्रासरी समेत सभी दुकानों को बंद किया गया है।

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लोग लॉटकडाउन का पालन करें, कंटेनमेंट एरिया से बाहर ना निकलें, इसलिए पुलिस ड्रोन से नजर रख रही है। वहीं, सरकारी स्कूल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और अस्पतालों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है।

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समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, धारावी में करीब 1.25 लाख लोग कंटेनमेंट जोन में घरों में कैद हैं। इनके घर से बाहर निकलने पर रोक लगाई गई है। ये लोग घर से बाहर ना निकले इसलिए इस पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है।

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पिछले हफ्ते तक 40 हजार लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा चुकी है। सीनियर हेल्थ अफसर दक्षा शाह ने बताया, यहां क्वारंटाइन में लोगों को हाईड्रोक्लोरोक्वीन देने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, अभी दिल्ली से इसकी मंजूरी मिलने का इंतजार है।

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लोग अब घबराने लगे हैं। इसलिए प्रशासन काफी सजग हो गया है। वहीं, तमाम एनजीओ लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए मजदूरों की मदद के लिए आगे आए हैं। यहां खाना और दवाइयों बांटी जा रही हैं।

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धारावी में कोरोना महामारी की गंभीरता पर बीएमसी ने खुद कहा था कि अगर धारावी में संक्रमण रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया तो समस्या बढ़ सकती है।

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देश में 170 हॉटस्पॉट या रेड जोन हैं। यह वह जिले हैं जहां पर कोरोना के ज्यादा केस हैं। इन जिलों में कोरोना संक्रमण का ग्रोथ रेट ज्यादा है। दूसरे नंबर पर नॉन-हॉटस्पॉट है। देश में नॉट-हॉटस्पॉट या ऑरेंज जोन जिलों की संख्या 207 है। इन जिलों में कोरोना की संख्या तो है लेकिन कम है। यहां पर कोरोना संक्रमण तेजी से नहीं फैल रहा है। तीसरे नंबर पर ग्रीन जोन है। ग्रीन जोन में वह जिले हैं जहां पर कोरोना का एक भी केस नहीं है।
 

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रेड जोन में सबसे ज्यादा तमिलनाडु के जिले हैं। रेड जोन में तमिलनाडु के 22 जिले हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, राजस्थान और आंध्र प्रदेश के 11-11 जिले हैं। उत्तर प्रदेश के 9 और दिल्ली के 9, तेलंगाना के 8, केरल के 6, जम्मू-कश्मीर के 6, -गुजरात के 5, मध्य प्रदेश के 5, पंजाब के 4, हरियाणा के 4 और पश्चिम बंगाल के 4 जिले शामिल हैं। वहीं कर्नाटक के 3, बिहार के 1, चंडीगढ़ का 1, छत्तीसगढ़ का 1, ओडिशा का 1 और उत्तराखंड का 1 जिला शामिल है। 
 

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भारत सरकार ने 15 अप्रैल को कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के 170 जिलों की लिस्ट जारी की। देश के 735 जिलों यानी 358 जिलों (49%) में कोरोना का कोई संक्रमण नहीं है। शेष 377 जिलों को तीन भागों में बांटा गया। इनमें से 170 जिले हॉटस्पॉट जिले हैं। 207 कुछ संक्रमण वाले नॉन-हॉटस्पॉट जिले हैं।

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