जंगलों में ली है युद्ध की स्पेशल ट्रेनिंग, दिलचस्प है चर्चा में आई IPS का फैमिली बैकग्राउंड

आंध्र प्रदेश. हैदराबाद गैंगरेप के मामले में अब आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दिशा एक्ट 2019 के तहत महिलाओं के प्रति यौन अपराध और रेप, गैंगरेप जैसे जघन्य अपराधों के खिलाफ मात्र 21 दिन के अंदर न्याय दिलवाया जाएगा। इसके लिए आईपीएस (IPS) ऑफिसर दीपिका एम पाटिल को विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया है। दीपिका कुरनूल में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में तैनात पहली IPS कैडर महिला अधिकारी रही हैं। आइए जानते हैं दिशा एक्ट में मिली विशेष जिम्मेदारी को निभाने जा रही हैं आईपीएस दीपिका की फैमिली, एजुकेशन और पुलिसवाली बनने के हौसले की पूरी कहानी.....

Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2020 8:30 AM IST / Updated: Jan 03 2020, 02:35 PM IST

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जंगलों में ली है युद्ध की स्पेशल ट्रेनिंग, दिलचस्प है चर्चा में आई IPS का फैमिली बैकग्राउंड
दीपिका एम पाटिल अपने परिवार से चौथी IPS अधिकारी हैं और वर्तमान पीढ़ी की महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल हैं। आईपीएस अधिकारी दीपिका पूर्ण  साक्ष्य आधारित पुलिसिंग में विश्वास करती हैं। वह वैज्ञानिक जांच में मदद करने और पुलिसिंग को आसान बनाने के लिए वह टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती हैं। दीपिका के परिवार में अधिकतर लोग पुलिस में ही हैं। वह अपने परिवार में चार आईपीएस अधिकारियों में से एक हैं।
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दीपिका के पिता विष्णुवर्धन राव वर्तमान में झारखंड पुलिस विभाग के महानिदेशक हैं और उनके भाई हर्षवर्धन ईटानगर के पुलिस अधीक्षक हैं।  इतना ही नहीं दीपिका की शादी भी एक आईएएस अधिकारी से ही हुई है। उनके पति विक्रांत पाटिल आंध्र प्रदेश में गुंटकल रेलवे के पुलिस अधीक्षक हैं।
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दीपिका कहती हैं, "मेरे पिता और समाज की सेवा करना ही मेरे आईपीएस बनने की प्रेरणा रहे हैं।" वो जांच-पड़ताल के बाद सभी सबूत जुटाकर कार्रवाई करती हैं। वो कहती है, अब बहुत सारी तकनीकी चीजें आ रही हैं पुलिसवाले खुद इनके इस्तेमाल को नहीं जानते हैं। अगर पुलिसकर्मी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना शुरू करते हैं तो बेहतर परिणाम होंगे। दीपिका ने कहा," मैं पुलिस अधिकारी के रूप में इस तरह की तकनीकों का उपयोग करके अपने काम में योगदान दूंगी। "
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एजुकेशन की बात करें तो दीपिका ने सिविल इंजीनियरिंग में राजस्थान के बिट्स पिलानी से स्नातक की थी। एक इंटरव्यू में दीपिका ने कहा, “मैंने अर्थशास्त्र में एम.एससी की है और अगर IPS नहीं बनती तो मेरी अर्थशास्त्र के रिसर्च में दिलचस्पी थी।"
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युवा IPS अधिकारी आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के एक गांव अमुदला लंका में की रहने वाली हैं।  पहले वह आंध्र प्रदेश ग्रेहाउंड्स प्रशिक्षण में तैनात थीं।  अन्य प्रशिक्षण से अलग उन्हें ग्रेहाउंड्स जैसी स्पेशल ट्रेनिंग मिली हुई है, जिसमें जंगल में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कमांडेंटों को प्रशिक्षित किया जाता है। जंगल युद्ध, रैपलिंग और दूसरे मुश्किल टास्क के लिए दीपिका पूरी तरह प्रशिक्षित हैं।
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इतना ही नहीं आईपीएस दीपिका ने युवाओं को भी खास मैसेज दिया है, उन्होंने कहा- युवाओं को वहीं करना चाहिए जो वो खुद को बनते देखना चाहते हैं, अपने पैशन को फॉलो करना चाहिए। वह कहती हैं कि, सभी को समाज में योगदान देना चाहिए ताकि यह एक बेहतर स्थान बने, किसी की बात मत सुनो, पुलिस विभाग में कम महिलाएं हैं, महिलाओं को आगे आना चाहिए और इस पेशे में सफलता हासिल करनी चाहिए। ”
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महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के बारे में बात करते हुए उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया, उन्होंने कहा कि “निश्चित रूप से हम पीड़ितों को न्याय दिलवाएंगे। न केवल अदालतें अपराधियों को दंडित करती हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं कि पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार किया है और लंबे समय से जेल में बंद हैं, दीपिका ने शांति से अपराधियों को चेतावनी दी, उन्होंने कहा देर भले हो जाए लेकिन सजा जरूर मिलेगी।"
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देश के अहम राज्य आंध्रप्रदेश ने महिलाओं के खिलाफ अपराध में त्वरित कार्रवाई के लिए ऐतिहासिक दिशा बिल 2019 (आंध्र प्रदेश आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2019) को पारित किया था। इस बिल के मुताबिक पुलिस को दोषी को गिरफ्त में लेकर सात दिन के भीतर जांच पूरी करनी होगी।फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित कर दो हफ्ते की भीतर मुकदमे को पूरा करने का है प्रावधान और 21 दिन के भीतर सजा का प्रावधान किया गया है। दिशा कानून का पालन कराने के लिए सरकार ने दो महिला अफसरों की नियुक्ति की है। जिसमें एक IAS और एक IPS ऑफिसर की तैनाती की गई है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी डॉ. कृतिका शुक्ला और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी एम. दीपिका को गुरुवार को नियुक्त किया गया।
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