बकरी के दूध से 10 गुना महंगा बिकेगा गधी का दूध, 1 लीटर की इतनी होगी कीमत, हिसार में खुली पहली डेयरी

हिसार. अभी तक सभी ने गाय और भैंस की डेयरी के बारे में सुना और देखा था। इसके अलावा लोग ज्यादा से ज्यादा बकरी के दूध का इस्तेमाल किया करते थे। लेकिन, हिसार में अब गधी के दूध की पहली डेयरी खोली जा रही है। आमतौर लोग गधे के नाम का इस्तेमाल किसी को चिढ़ाने के लिए करते हैं। अब उसकी उपयोगिता भी किसी से छिपी नहीं है।
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 23, 2020 8:19 AM IST
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बकरी के दूध से 10 गुना महंगा बिकेगा गधी का दूध, 1 लीटर की इतनी होगी कीमत, हिसार में खुली पहली डेयरी

खबरों की मानें तो देश में पहली बार गधी का दूध भी बिकने वाला है और इसके एक लीटर दूध की कीमत 7000 रुपए होगी। आमतौर पहले सबसे महंगा दूध बकरी का बिकते देखा गया है, जिसकी कीमत 700 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच जाती है। ऐसे में अब गधी के दूध की कीमत बकरी के दूध की कीमत से 10 गुना से भी ज्यादा है। 

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गधी के दूध की डेयरी हिसार में शुरू होने वाली है। इसका दूध इंसानों के लिए न सिर्फ बेहद फायदेमंद है बल्कि शरीर का इम्यून सिस्टम ठीक करने में काफी बड़ी भूमिका निभाता है। इससे कई ब्यूटी प्रोडक्ट भी बनते हैं। 

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मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि गधी के दूध की डेयरी राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) हिसार में शुरू होने जा रही है। NRCE हिसार में हलारी नस्ल की गधी के दूध की डेयरी जल्द शुरू की जाएगी, जिसके लिए एनआरसीई ने 10 हलारी नस्ल की गधी पहले ही मंगा ली हैं। फिलहाल, इनकी ब्रीडिंग की जा रही है।

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बताया जाता है कि हलारी नस्ल की गधी का दूध दवाइयों का खजाना होता है। इसके दूध में कैंसर, मोटापा, ऐलर्जी जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। यह नस्ल गुजरात में पाई जाती है।

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खबरों में जानकारों के हवाले से कहा जा रहा है कि कई बार गाय या भैंस के दूध से छोटे बच्चों को एलर्जी हो जाती है, लेकिन हलारी नस्ल की गधी के दूध से कभी एलर्जी नहीं होती। इसके दूध में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजीन तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में कई गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित करते हैं।

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ब्रांडिंग के बाद डेयरी का काम जल्द शुरू हो जाएगा। गधी का दूध बाजार में 2000 से लेकर 7000 रुपए प्रति लीटर तक में बिकता है। इससे ब्यूटी प्रॉडक्ट्स भी बनाए जाते हैं, जो काफी महंगे होते हैं। गधी के दूध से साबुन, लिप बाम, बॉडी लोशन तैयार किए जा रहे हैं।

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गधी के दूध की डेयरी शुरू करने के लिए NRCE हिसार के केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र और करनाल के नेशनल डेयरी रीसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की भी मदद ली जा रही है। जानकारों का मानना है कि इस डेयरी के शुरू होने से लोगों को काफी फायदा पहुंचेगा।

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