58 की उम्र में टेंशन की गोलियां खा-खाकर वायरस से लड़ी जंग, इस डॉक्टर ने गोवा को बनाया कोरोना फ्री

पणजी. देश भर में कोरोना से जंग जारी है। सभी राज्य कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। इन सब के इतर गोवा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जो कोरोना फ्री हो चुका है। रविवार को सीएम प्रमोद सावंत ने इसका ऐलान भी किया। हालांकि अभी केंद्र सरकार के निर्देशों पर सभी ठीक हो चुके मरीजों का परीक्षण किया जाएगा। जिसके बाद निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही राज्य को ग्रीन जोन में शामिल किया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Apr 21, 2020 10:21 AM IST
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58 की उम्र में टेंशन की गोलियां खा-खाकर वायरस से लड़ी जंग, इस डॉक्टर ने गोवा को बनाया कोरोना फ्री

राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या 7 थी। सभी का इलाज चल रहा था, जिसमें कई मरीज धीरे-धीरे ठीक भी हो चुके थे। लेकिन जो आखिरी मरीज था उसका सैंपल रविवार को निगेटिव आया। जिसके बाद राज्य ने खुद को कोरोना फ्री घोषित किया है। 

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सीएम सावंत ने किया ऐलान 
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के अनुसार, राज्य में 3 अप्रैल से अब तक एक भी कोरोना वायरस पॉजिटिव मामला नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने इस उपलब्धि का क्रेडिट राज्‍य के इकलौते मेडिकल कॉलेज, गोवा मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉ. एडविन गोम्‍स को दिया है। वही कोरोना वायरस इलाज के लिए बनी फैसिलिटी के नोडल ऑफिसर भी हैं।

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स्वास्थ्य मंत्री ने थपथपाई पीठ 
58 साल के डॉ. गोम्‍स लगातार COVID-19 से जुड़ी लड़ाई को कोऑर्डिनेट करते रहे। वह मेडिकल प्रोफेशनल्‍स की तीन टीमों का नेतृत्‍व कर रहे थे। खुद स्‍वास्‍थ मंत्री विश्वजीत पी राणे ने उनकी तारीफ में लिखा, "घातक वायरस का काउंटर करने के लिए लगातार कार्य करने वाले डॉ. एडविन गोम्‍स और उनके डॉक्‍टर्स की टीम के प्रति मैं आभार प्रकट करता हूं।"

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58 साल की उम्र में नहीं हारी हिम्मत 
डॉ. गोम्‍स के साथ पहले काम कर चुके फिजीशियन ऑस्‍कर रेबेलो ने IANS से कहा कि गोम्‍स को उनकी कोशिशों के लिए 100 में से 100 नंबर मिलने चाहिए। 58 साल की उम्र में COVID-19 मरीजों के इलाज में उन्‍होंने जी-जान लगा दी जबकि इस उम्र में वायरस का संक्रमण होने का खतरा ज्‍यादा है।

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खतरे के बीच लड़ते रहे जंग 
डॉ. रेबेलो ने कहा, "बतौर डॉक्‍टर, जब हम पेशेंट्स की जांच करते हैं तो हम सभी को शायद वायरस का खतरा हो या ना हो। लेकिन एडविन और उसकी टीम COVID हॉस्पिटल में पूरी तरह से कोरोना वायरस के खतरे के बीच थी।"

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खुद मरीज के साथ लेते थे टेंशन की गोली
गोवा में COVID-19 का पहला एक्टिव केस एडगर रेमेडियोज थे। वह ठीक हो चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि सिर्फ दवा ही नहीं, जिस तरह से डॉ. गोम्‍स आपको ट्रीट करते हैं, वह भी इलाज में मदद करता है। एडगर ने कहा, "डॉ. गोम्‍स ने मुझे फिर से जिंदा कर दिया। मुझे नॉर्मल करने के लिए वह मेरे साथ खुद भी एंजाइटी की टेबलेट लेते थे क्‍योंकि वह भी स्‍ट्रेस में थे। उन्‍होंने मेरे तनाव को कम किया।"

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की गोवा यूनिट के पूर्व अध्‍यक्ष शेखर सलकर ने कहा, "डॉ. गोम्‍स मुझ से एक साल जूनियर थे। COVID हॉस्पिटल में काम करने के लिए हिम्‍मत चाहिए क्‍योंकि वहां आप हर वक्‍त वायरस से घिरे रहते हैं।"

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18 मार्च को गोवा में मिला था पॉजिटिव मरीज
गोवा में कोरोना वायरस का पहला मामला 18 मार्च को सामने आया था। यहां दुबई से लौटे एक नेता को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। 3 अप्रैल तक यहां 7 मरीज सामने आए। लेकिन उसके बाद एक भी केस सामने नहीं आया। यहां 15 अप्रैल तक 6 मरीज ठीक हो गए थे। आखिरी मरीज रविवार को ठीक हो गया।

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देश में कोरोना की स्थिति 
देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 17 हजार के पार पहुंच गई है। देश के 34 राज्यों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकारों द्वारा प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इन सब के बावजूद देश में अब तक 558 लोगों की मौत हो चुकी है। 
कोरोना के संक्रमण से महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। यहां संक्रमण के मामले लगभग 4200 तक पहुंच गए हैं। जबकि अब तक 223 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले मुंबई में संक्रमित मरीजों की संख्या 2268 है। 

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