73 साल के इस बुजुर्ग के जज्बे को सलाम, पर्यावरण से है इतना प्यार कि घर में ही लगा डाले 500 प्रजाती के हर्बल पौधे
कर्नाटक. पृथ्वी पर बढ़ रहे प्रदूषण ने सबकी सांसे रोक कर रखी है। अपने फायदे के लिए वृक्षों की अंधाधुंध कटाई ने ग्लोबल वॉर्मिग बढ़ा दी है। लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो प्रकृति को बचाने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में कर्नाटक के पर्यावरणविद् ने समाज के सामने एक मिसाल पेश की है। 73 वर्षीय वेंकटगिरी ने हर्बल पौधों के महत्व को जीवित रख अपनी एक अहम भूमिका निभाने की कवायद में जुटे हुए हैं।
वेंकटगिरी ने कहा कि वह यह सारे ज्ञान को युवा पीढ़ी को सौंपना चाहते हैं। वह अपने पौधों को युवा पीढ़ी को दिखाने के लिए हर्बल पौधों की प्रदर्शनी के लिए स्कूलों और कॉलेजों का भी दौरा करते हैं।
अपने घर में वेंकटगिरी ने लगभग 500 हर्बल पौधे लगाए हैं। और इन्हें संरक्षित रखने के लिए हर संभव कोशिश में पूरी लगन से लगे हुए हैं।
पर्यावरणविद्ने ने हर्बल पौधों के महत्व बताने के लिए कर्नाटक की यात्रा भी की है। सात ही विलुप्त मानी जाने वाली 1500 से अधिक किस्मों के बीज भी एकत्र किए हैं।
उन्होंने बताया "मैंने अपने पवित्र ग्रंथों में उल्लिखित विशेष पौधों के साथ नवग्रहवन, नंदनवन, नक्षत्रवान, पवित्रा वाना, अश्विनी वाना जैसे हर्बल पौधों को उगाने की एक धार्मिक पद्धति बनाई है।"