हर बार गुड लक की वजह से बचता रहा DSP देविंदर, गिरफ्तार हुआ तो दिखाने लगा रौब, फिर डीआईजी ने...

श्रीनगर. कश्मीर में आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह से पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही पकड़े गए आतंकियों की बड़ी साजिश का खुलासा भी हुआ है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, ये आतंकी पाकिस्तान में भारत के सर्जिकल स्ट्राइक से बौखलाए हुए थे और पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ में आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे। वहीं, डीएसपी देविंदर सिंह से भी पूछताछ में कई जानकारियां सामने आईं हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 14, 2020 10:33 AM IST
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हर बार गुड लक की वजह से बचता रहा DSP देविंदर, गिरफ्तार हुआ तो दिखाने लगा रौब, फिर डीआईजी ने...
जानकारी के मुताबिक डीएसपी कई मोबाइल फोन नंबरों पर एक्टिव था और आतंकवादियों से बात करने के लिए इनमें से कुछ नंबरों का इस्तेमाल करता था। वहीं, इसके अलावा कुछ और आतंकी भी देविंदर सिंह से जल्द ही जुड़ने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही इसका भांडाफोड़ हो गया।
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जांच एजेंसियों ने इस बात की भी संभावनाएं हैं कि ये आतंकवादी आईएसआई के निर्देशों के तहत खालिस्तान आतंकवादियों के संपर्क में भी थे। पकड़े गए डीएसपी देवेंद्र सिंह का काम चंडीगढ़ और दिल्ली में इन आतंकियों के लिए ठहरने की व्यवस्था करना था।
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जम्मू-कश्मीर के कुलगाम से गिरफ्तार डीएसपी देवेंद्र सिंह को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर को कई बार आगाह किया था, लेकिन कभी किस्मत तो कभी लापरवाही की वजह से डीएसपी देविंदर सिंह बार-बार बचता रहा। लेकिन 11 जनवरी को सुबह जब वो श्रीनगर से अपने आई-10 कार में अपने घर से निकला तो उसका गुडलक खत्म हो चुका था। जवाहर टनल से पहले पुलिस ने उसे हिज्बुल के दो टॉप आतंकियों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
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डीएसपी देवेंद्र सिंह के करियर का शानदार ट्रैक रिकॉर्ड भी बार-बार उसे कार्रवाई से बचाता रहा। एक सूत्र ने बताया, "आतंकवाद के खिलाफ अभियान में उसका काम जोरदार रहा, इस वजह से वो बचता रहा। उस पर संदेह होने के बाद कई बार जांच हुई, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।" सीआरपीएफ के एक दूसरे अधिकारी ने 1990 के उस दौर को याद किया जब देवेंद्र सिंह उत्तरी कश्मीर के सोपोर में आतंकियों के खिलाफ बड़ी बहादुरी से लड़ा था।
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1990 के दशक में देवेंद्र सिंह 10 साल तक SOG के साथ काम किया। इस दौरान उसने सम्मान और जलन दोनों कमाए। देवेंद्र सिंह को उसके काम के लिए आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया था और उसे इंस्पेक्टर बना दिया गया। आतंकियों के खिलाफ ऐसे ही एक ऑपरेशन के दौरान बड़गाम में देवेंद्र सिंह घायल हो गया था। इसके साथ ही उसे विभाग में बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी गई थी।
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शनिवार को देवेंद्र सिंह नवीद बाबू और उसके साथी को अपनी आई-10 कार से श्रीनगर से लेकर रवाना हुआ। उसकी कार तेजी से जम्मू की ओर जाने वाली हाईवे पर दौड़ रही थी। इधर पुलिस और दूसरी एजेंसियों को उसकी मूवमेंट की पूरी जानकारी थी। इस पूरे ऑपरेशन की मॉनिटिरिंग दक्षिण कश्मीर के डीआईजी अतुल गोयल खुद कर रहे थे। कुलगाम के पास मीर बाजार में पुलिस चेक नाके के पास डीएसपी देवेंद्र की कार रोक दी गई। इस दौरान डीआईजी अतुल गोयल खुद चेक नाके पर मौजूद थे। कार रुकते ही छोटी सी पूछताछ हुई और पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान डीएसपी देवेंद्र सिंह ने अपना रौब चेक नाके पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर झाड़ने की कोशिश की, लेकिन डीआईजी अतुल गोयल को देखते ही उसके चेहरे का रंग उड़ गया। डीआईजी ने उसे जोरदार डांट पिलाई।
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