गर्दन की नाप से फांसी घर तक...ऐसे पूरी हुईं सारी तैयारियां, 7 दिन बाद दरिंदों को मिलेगी मौत
नई दिल्ली. निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोषी विनय और मुकेश की क्यूरेटिव याचिका खारिज की। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब निर्भया के दरिंदों को 22 जनवरी को फांसी का रास्ता साफ होता दिख रहा है। हालांकि, अभी विनय और मुकेश के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने का विकल्प बचा है। वहीं, अक्षय और पवन के पास अभी क्यूरेटिव और दया याचिका का विकल्प बचा है।
अगर कोई कानूनी पेंच नहीं फंसता तो चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी। इसके लिए तिहाड़ में प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तिहाड़ जेल में चारों को एक साथ फांसी देने के लिए नया तख्ता तैयार किया गया है। अभी तक सिर्फ दो लोगों को यहां एक साथ फांसी देने की व्यवस्था थी।
फंदों के लिए नाप लिया गया: इससे पहले जेल प्रशासन ने चारों दोषियों के गले का नाप लिया गया। जिसके आधार पर फांसी का फंदा तैयार किया जाएगा। इस दौरान चारों दोषियों की लंबाई मापी गई और वजन भी लिया गया।
फांसी देने का भी हुआ ट्रायल: हाल ही में मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि फांसी देने से पहले सफल ट्रायल हो चुका है। यहां दोषियों के वजन के मुताबिक, ईंटों और पत्थरों से 4 डमी बनी थीं। हालांकि, इस दौरान जल्लाद मौजूद नहीं था।
चार नए सेल बनाए गए: तिहाड़ प्रशासन सुरक्षा में कोई कमी नहीं रखना चाहता। इसके लिए चार नए सेल बनाए गए हैं। ये सेल फांसी घर के पास हैं। यहीं से सीधे फांसी घर ले जाया जाएगा।
डेथ वारंट जारी होने के बाद फांसी से पहले दोषियों को घरवालों से मिलने का वक्त दिया जाता है। हालांकि, फांसी से एक या दो दिन पहले तक ही का वक्त रहता है। जेल सूत्रों का कहना है कि संभवत चारों दोषी आखिरी बार 20 जनवरी को अपने परिजनों से मिल सकेंगे।
बढ़ाई गई सुरक्षा: तिहाड़ जेल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यहां 6 सीसीटीवी लगाए गए हैं। हर दोषी के लिए 3 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। दिन में दो बार उनकी कोठरियों की भी जांच की जा रही है। चारों दोषियों को फांसी से पहले तक रोज दो बार स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है।