किसानों ने फिर अपना खाना खाया, इस बार तोमर-गोयल ने भी लाइन में लगकर लंगर के लिए मजे; Photos

Published : Dec 30, 2020, 06:44 PM IST

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के विरोध के बीच किसान और सरकार के बीच बुधवार को 7वें दौर की बातचीत हुई। यह बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई। इसमें 40 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। बैठक के बीच में किसानों ने अपना लाया खाना खाया। लेकिन इस बार खास बात ये हुई कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर ने भी लाइन में लगकर लंगर का आनंद लिया। 

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किसानों ने फिर अपना खाना खाया, इस बार तोमर-गोयल ने भी लाइन में लगकर लंगर के लिए मजे; Photos

पिछली बार बैठक के दौरान सरकार ने खाने का इंतजाम किया था। इसे किसानों ने ठुकरा दिया था और अपना लाया खाना खाया था। इस बार भी किसान अपने साथ भोजन लाए। किसानों के साथ पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर भी लाइन में लगकर प्लेट लेकर खड़े दिखे। 500 लोगों का खाना लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी की गाड़ी विज्ञान भवन पहुंची थी
 

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इस दौरान कई किसान केंद्रीय मंत्रियों के साथ सेल्फी लेते भी नजर आए। 7वें दौर की बैठक में 40 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। वहीं, सरकार की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए। 

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बैठक में किसान नेताओं ने मांग रखी कि आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को इंसाफ और मुआवजा दिया जाए। सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया कि कानूनों से जुड़ी मांगों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। 

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मीटिंग से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि नए कृषि कानून बनने के बाद उत्तर प्रदेश में फसलों की कीमतें 50% गिर गईं। इनकी खरीद समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे हो रही है। धान का भाव 800 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है।

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किसानों 35 दिन से कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के आसपास बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने मीटिंग से पहले सरकार के सामने 4 मांगे रखी थीं। पहला- कृषि किसानों को निरस्त किया जाए, दूसरी मांग एमएसपी पर कानूनी गारंटी मिले। इसके अलावा एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए बने कानून के तहत किसानों को कार्रवाई के बाहर रखा जाए। इसके अलावा विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे को वापस लिया जाए। 

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