Budget 2021 : आखिर क्या है E-NAM, इससे कैसे जुड़ें किसान, वित्त मंत्री ने इस स्कीम के तहत यूं दिया ई-नाम

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को बजट पेश किया। इस दौरान सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम करने की बात कही। इसके साथ ही कृषि क्षेत्र के क्रेडिट टारगेट को 15 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 16 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया। इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने किसानों के लिए E-Nam का जिक्र किया और इसके लिए 1 हजार नई मंडियां शुरू करने की घोषणा भी की। आखिर क्या E-Nam स्कीम, ये कैसे काम करती है और किसानों को इसका क्या फायदा होगा? जानते हैं इन सभी चीजों के बारे में। 
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 1, 2021 11:10 AM IST / Updated: Feb 01 2021, 07:44 PM IST

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Budget 2021 : आखिर क्या है E-NAM, इससे कैसे जुड़ें किसान, वित्त मंत्री ने इस स्कीम के तहत यूं दिया ई-नाम

क्या है E-Nam स्कीम :
E-Nam स्कीम किसानों के लिए है और इसका पूरा नाम ई- नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट है। ये देश की एक बड़ी स्कीम है, जो किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा उपलब्ध कराती है। एक तरह से ये ई-खेती पोर्टल है। एक अनुमान के मुताबिक, इस प्लेटफॉर्म पर पहले से ही करीब 1.68 करोड़ किसान रजिस्टर हो चुके हैं। 

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देश के 18 राज्य मिलकर बनते हैं 1 मंडी : 
E-Nam स्कीम के तहत 18 राज्यों के किसानों को जोड़ा गया है। इन राज्यों में अलग-अलग खेती मंडियां हैं, जिन्हें ऑनलाइन किया गया है। चूंकि ये सभी ऑनलाइन जुड़े हैं इसलिए ये सारे राज्य मिलकर एक मंडी बन जाते हैं। 

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ऐसे होगा किसानों को फायदा : 
E-Nam स्कीम का फायदा किसानों को कैसे होगा, इसे इस तरह समझा जा सकता है। मसलन उत्तरप्रदेश का किसान अपनी उपज किसी दूसरे राज्य में बेचना चाहे तो वो ई-पोर्टल के जरिए ऐसा कर सकता है। इससे कीमत ज्यादा मिलने के साथ ही किसानों की देशभर में पहुंच भी बढ़ेगी।

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बिचौलियों का रोल हो जाएगा खत्म :
E-Nam स्कीम का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिलने के साथ ही बिचौलियों का रोल खत्म हो रहा है। इससे पहले होता ये था कि बिचौलियों के माध्यम से कृषि उपज कम कीमत पर किसान से ली जाती थी और कई हाथों से निकलते हुए ग्राहक तक पहुंचने में इसकी कीमत बहुत ज्यादा हो जाती थी। 

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बचेगा किसानों का समय : 
E-Nam स्कीम की वजह से किसानों के मंडी आने और उपज की बिक्री के लिए इंतजार करने का समय भी बच रहा है। पहले महीनों की मेहनत के बाद किसान की फसल तैयार होती और वह उसे बेचने के लिए मंडी पहुंचता था।
 

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2016 में शुरू हुई थी E-Nam स्कीम : 
इस स्कीम के शुरू होने के साल भर बाद तक किसानों में इसे लेकर अवेयरनेस नहीं थी। यही वजह है कि 2017 से तक इससे सिर्फ 17 हजार किसान ही जुड़े थे। हालांकि धीरे-धीरे जानकारी बढ़ने और जागरुकता आने के बाद किसान इस ऑनलाइन पोर्टल से जुड़ रहे हैं। 

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कैसे E-Nam स्कीम से जुड़ सकते हैं किसान : 
- अब तक देश की 585 मंडियों को E-Nam स्कीम के तहत जोड़ा जा चुका है। किसान इससे मोबाइल एप के जरिए या फिर रजिस्टर्ड एजेंट के जरिए भी जुड़कर सीधे अपनी उपज दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं। 
- ऑनलाइन मंडी की भाषा केवल हिंदी या अंग्रेजी न रखकर इसे 8 भाषाओं से जोड़ा गया है। यानी इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसान अपनी भाषा में लेनदेन कर सकते हैं। 

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यहां करना होगा रजिस्ट्रेशन :
- इससे जुड़ना बेहद आसान है। E-Nam एप पर रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन वेबसाइट www.enam.gov.in पर जाना होगा। यहां रजिस्ट्रेशन में जाकर ई-मेल दी जाएगी। इसके बाद एक अस्थायी ID दिए गए ई-मेल पते पर आएगी। 
- इसके बाद जरूरी कागज ऑनलाइन ही जमा करने होंगे। ऑनलाइन ये सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसान आसानी से अपनी फसल की खरीद-बिक्री शुरू कर सकते हैं। 
 

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