पाकिस्तान को धूल चटाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल का निधन, दुनिया के सबसे ऊंचे मैदान पर लड़ी थी जंग
चंडीगढ़. लेफ्टिनेंट जनरल और ऑपरेशन मेघदूत का नेतृत्व करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल प्रेमनाथ हून का आज निधन हो गया। 91 साल की उम्र में उन्होंने पंचकूला के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। युद्ध के क्षेत्र में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी मानी जानेवाली सियाचिन पर तिरंगा फहराने का करिश्मा भारतीय सेना ने इन्हीं के नेतृत्व में किया था। 1987 में लेफ्टिनेंट जनरल हून पश्चिमी कमान प्रमुख के तौर पर रिटायर हुए थे।
Asianet News Hindi | Published : Jan 7, 2020 5:18 AM IST / Updated: Jan 07 2020, 11:24 AM IST
जनरल हून के नेतृत्व में भारतीय सेना ने सियाचिन की चोटी पर तिरंगा फहराया था। इस मुहिम को ऑपरेशन मेघदूत का नाम दिया गया। 1980 के दशक में पाकिस्तान ने सियाचिन की तरफ अपने सैनिक भेजने शुरू किए थे। पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधि रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण सियाचिन चोटी पर कब्जा करने के लिए थी।
1984 में पाक के नापाक इरादों को ध्वस्त करने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया। जनरल हून के नेतृत्व में भारतीय सेना ने रणनीतिक तौर पर देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण सियाचिन चोटी पर तिरंगा फहराया।
भारतीय सैनिकों ने दुर्गम चोटी को अदम्य साहस से पार किया। दुनियाभर में मुश्किल लड़ाइयों में ऑपरेशन मेघदूत का जिक्र किया जाता है। भारतीय सैनिकों ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान को मात दी थी और तापमान जब माइनस में था तब दुर्गम चढ़ाई कर तिरंगा फहराया।
ऑपरेशन मेघदूत जनरल हून की महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, लेकिन उन्होंने कई और युद्धों में भी साहसिक भागीदारी निभाई थी। 1984 के पाकिस्तान युद्ध में भी वह वीरता से लड़े थे और ऑपरेशन मेघदूत के सफल नेतृत्व ने उन्हें देश का हीरो बना दिया। रिटायर होने के बाद 2013 में जनरल हून ने बीजेपी जॉइन कर ली थी। पाकिस्तान के एबटाबाद में जनरल हून पैदा हुए, लेकिन बंटवारे के वक्त उनका परिवार भारत आ गया।