लॉकडाउन में प्रकृति ने पसारी बाहें, साफ हवा के बाद 'निर्मल' हुईं गंगा-यमुना
नई दिल्ली. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था। आज लॉकडाउन का 12 वां दिन हैं। लॉकडाउन के चलते जरूरी सेवाओं को छोड़कर स्कूल, कॉलेज, दफ्तर फैक्ट्री सब बंद हैं। इन सबके चलते लोगों को कुछ दिक्कतें भी हो रही हैं। हालांकि, अब लॉकडाउन के कुछ सार्थक पहलू भी नजर आ रहे हैं। पहले लॉकडाउन से पूरे देश को प्रदूषण से राहत मिली और हवा की गुणवत्ता अच्छी हुई। अब गंगा और यमुना का जल भी साफ होता नजर आ रहा है।
Asianet News Hindi | Published : Apr 5, 2020 9:40 AM IST / Updated: Apr 05 2020, 03:14 PM IST
हवा की गुणवत्ता के बाद गंगा और यमुना का साफ जल देखकर ऐसा लगता है कि जो काम सरकारें कई सालों तक नहीं कर पाईं, वो लॉकडाउन ने कर दिखाया। लॉकडाउन के चलते फैक्ट्रियां और उद्योग धंधे सब बंद हैं। इसलिए इससे निकलने वाला गंदा पानी भी नदी में नहीं गिर रहा है। इस वजह से गंगा और यमुना नदी के जल में काफी सुधार हुआ है।
बताया जा रहा है कि गंगा का जल 40-50% स्वच्छ हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बीएचयू के प्रोफेसर डॉ पीके मिश्रा ने बताया, गंगा में ज्यादातर प्रदूषण करखानों और फैक्ट्रियों की वजह से हैं। ऐसे में इनके बंद होने पर अहम बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने कहा, हाल ही में कुछ इलाकों में हुई बारिश के चलते इसका जल स्तर भी बढ़ गया है।
गंगा को बनारस, कानपुर और इलाहाबाद जैसे शहरों में भी काफी साफ देखा जा रहा है। लोग सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी खूब शेयर कर रहे हैं।
उधर, ऐसा ही कुछ दिल्ली में यमुना नदी में दिख रहा है। यहां दिल्ली एनसीआर में सभी फैक्ट्रियां, उद्योग धंधे और कारखाने बंद हैं। इसी वजह से यमुना के जल में काफा सुधार देखा जा रहा है।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्डा ने कहा, इन दिनों कई उद्योग और दफ्तर लॉकडाउन की वजह से बंद हैं और इसलिए यमुना साफ दिख रही है। पानी की गुणवत्ता के सुधार में यह अहम है। हम पानी की जांच कराएंगे, जिससे यह पता चले कि यह कितना साफ हुआ है।
देशभर में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है। इसके चलते स्कूल, कॉलेज, दफ्तर, ऑफिस और फैक्ट्रियां बंद हैं। इस वजह से पूरे देश में वायु की गुणवत्ता में भी सुधार देखने को मिला है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार होने से पंजाब में भी दृश्यता 2-3 किमी से बढ़कर 40-50 किलोमीटर हो गई है। इस वजह से यहां जालंधर, कपूरथला, राजपुरा समेत कई शहरों से हिमाचल प्रदेश के बर्फ से लदे पहाड़ भी दिख रहे हैं।