जस्टिस बी.एस. चौहान और पूर्व पुलिस महानिदेशक के.एल. गुप्ता का नाम विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए खुद उत्तर प्रदेश सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। यूपी सरकार की तरफ से देश की सबसे बड़ी अदालत को बताया गया कि जस्टिस चौहान ने इस जांच समिति में शामिल होने के लिए सहमति दे दी है।