घर में हो रही थी हिंदू कपल की शादी, सुरक्षा में गेट पर तैनात थे मुस्लिम भाई...दिल्ली हिंसा की अनोखी तस्वीर
नई दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में रविवार से लेकर चार दिनों तक आगजनी हुई। पेट्रोल बम फेंके गए। गुलेल से कंकड़ मारे गए। धारदार हथियारों से हत्याएं की गईं। इस बीच दंगा प्रभावित उन्हीं इलाकों से कुछ सुकून देने वाले काम भी हो रहे थे। चांदबाग में हिंसा के दौरान एक हिंदू लड़की की शादी हुई और शादी की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुसलमानों ने ली। वे हिंदू कपल की सुरक्षा में तैनात थे। बता दें कि दिल्ली हिंसा में 123 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से 25 एफआई हथियारों के इस्तेमाल को लेकर दर्ज की गई हैं। अब तक 630 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
Asianet News Hindi | Published : Feb 29, 2020 5:26 AM IST / Updated: Feb 29 2020, 11:41 AM IST
23 साल का सावित्री की हाथों में मेंहदी लगी थी। शादी के मौके पर खुशी की बजाय वह डरी हुई थी। समझ में नहीं आ रहा था कि शादी करे या जान बचाए। पूरा परिवार दहशत में था। चांदबाग का पूरा इलाका जल रहा था।
25 फरवरी को सावित्री की शादी थी। लेकिन परिवार के लोग समझ नहीं पा रहे थे घर पर बारात आए तो कैसे? सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा। पूरा इलाका जल रहा है, ऐसे में शादी कैसे करे?
हिंदू परिवार इस कशमश में था कि शादी करे या टाल दी जाए। तब पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम परिवार मदद के लिए आगे आया। पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम परिवार ने विश्वास दिलाया कि उनकी शादी में कोई दिक्कत नहीं आने देंगे।
सावित्री के पिता ने बताया कि जब वह अपने घर की छत पर गए तो हर तरफ उन्हें धुएं का गुबार दिखाई दे रहा था। ऐसे में मुस्लिम परिवार ने बहुत मदद की।
शादी के बाद सावित्री ने कहा था, आज मेरे मुस्लिम भाई हमारी रक्षा की। शादी के दौरान सावित्री कई बार रो भी देती थी। लेकिन परिवार के लोग समझाते थे कि सब ठीक है। यह सुन उसे फिर से हिम्मत आ जाती थी।
पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम युवकों ने पूरे दिन और रात में पहरा दिया। एक तरफ शादी के मंत्र पढ़े जा रहे थे, दूसरी तरफ सीना ताने मुस्लिम भाई दंगाईयों को रोकने के लिए खड़ा था।
चांदबाग की संकरी गलियों में शादी की सारी रस्में की गईं। दूसरी तरफ मुस्लिम युवक उनकी सुरक्षा में तैनात थे।
सावित्री के पिता ने कहा, हम चांदबाग में सालों से रह रहे हैं। आज तक किसी भी मुस्लिम परिवार ने उनका झगड़ा नहीं हुआ। दोनों परिवार मिलकर रहते हैं।
दिल्ली हिंसा में मरने वाली की संख्या 42 हो गई है। शुक्रवार को कई हिस्सों में शांति रही। पुलिस ने मार्च किया।