उत्तराखंड के चमोली में 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने के बाद जो तबाही मची, उससे लोग अभी तक उबर नहीं पाएं हैं। 200 से ऊपर लोग अभी भी लापता हैं। इतने में दिनों में लोग जिंदा होंगे भी या नहीं, कोई नहीं जानता। ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन स्थित NTPC की टनल में गीला मलबा भर गया। इसमें कई लोग फंस गए। ये अब तक नहीं निकाले जा सके हैं। इस बीच सैटेलाइट इमेज और ग्राउंड जीरो से मिल रही एक्सपर्ट रिपोर्ट्स ने एक नया खतरा पैदा कर दिया है। यह खतरा ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी के ऊपरी हिस्से पर मलबा जमा होने से पैदा हुआ है। मलबे के कारण नदी के पानी का बहाव रुक गया है। इससे पानी एक जगह जमा होकर झील का रूप लेता जा रहा है। अगर यह झील टूटी, तो फिर भयानक बाढ़ आ सकती है।