कोरोना की चपेट में दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती, 15 लाख लोगों को बचाने के लिए 'मिशन धारावी' शुरू

मुंबई. भारत के महाराष्ट्र राज्य में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर है। यहां मुंबई, पुणे, ठाणे और पालघर सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। मुंबई में कोरोना दुनिया की सबसे बड़ी स्लम यानी धारावी झुग्गी बस्ती तक पहुंच गया है। यहां की आबादी और हालात कोरोना के फैलने में मददगार साबित हो रहा है। धारावी में 2.6 स्क्वायर किलोमीटर में करीब 15 लाख लोग रहते हैं, यहीं कारण है कि यह प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। हालांकि, कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सरकार और प्रशासन ने कमर कस ली है। यहां कोरोना के खिलाफ 'मिशन धारावी' शुरू किया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 23, 2020 6:42 AM IST

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कोरोना की चपेट में दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती, 15 लाख लोगों को बचाने के लिए 'मिशन धारावी' शुरू

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, धारावी में करीब 1.25 लाख लोग कंटेनमेंट जोन में घरों में कैद हैं। इनके घर से बाहर निकलने पर रोक लगाई गई है। ये लोग घर से बाहर ना निकले इसलिए इस पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। 

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लेकिन देश की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती में अब तक सिर्फ मुट्ठी भर लोगों का परीक्षण किया गया है। ऐसे में प्रशासन द्वारा शुरू किया गया 'मिशन धारावी' कोरोना के खिलाफ ज्यादा कारगार नजर नहीं आ रहा। 
 

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धारावी में बड़ी संख्या में कामगार और मजदूर रहते हैं। यहां दस हजार से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। यहां घर-घर में जींस, रेडीमेड कपड़े, लेबलिंग, प्लास्टिक और लैदर का होलसेल काम होता है।

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यहां दस बाई दस फीट के कमरे में पूरा एक परिवार रहता है। इतना ही नहीं यहां 73% लोगों के घर में पर्सनल टॉयलेट नहीं है। ये लोग पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा यहां एक कमरे में 10-15 लोग रहने को मजबूर हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना मुश्किल है। ऐसे में ये समस्याएं कोरोना को फैलने में मददगार हैं।

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धारावी में एक पब्लिक टायलेट को रोजाना करीब 60 से 70 लोग इस्तेमाल करते हैं। इसलिए यहां पर कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने के ज्यादा संभावना है।

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धारावी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना काफी मुश्किल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां पर लोगों के कमरे इतने छोटे हैं कि बस सोने के लिए अंदर जाते हैं।

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प्रशासन ने बताया, यहां करीब 2500 लोग तैनात किए गए हैं। इसमें हेल्थ वर्कर, क्लीनर्स, वालंटियर तैनात हैं। जो कोरोना से लड़ाई में हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यहां अब तक 200 केस सामने आए हैं। वहीं, 12 लोगों की मौत हुई है। 

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धारावी में अप्रैल की शुरुआत में कोरोना का पहला केस सामने आया था। अब यहां 5 हॉटस्पॉट बनाए गए हैं। यहां किसी को अंदर या बाहर नहीं आने जाने दिया जा रहा है। ग्रासरी समेत सभी दुकानों को बंद किया गया है। 

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लोग लॉटकडाउन का पालन करें, कंटेनमेंट एरिया से बाहर ना निकलें, इसलिए पुलिस ड्रोन से नजर रख रही है। वहीं, सरकारी स्कूल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और अस्पतालों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। 

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पिछले हफ्ते तक 40 हजार लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा चुकी है। सीनियर हेल्थ अफसर दक्षा शाह ने बताया, यहां क्वारंटाइन में लोगों को हाईड्रोक्लोरोक्वीन देने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, अभी दिल्ली से इसकी मंजूरी मिलने का इंतजार है। 

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उन्होंने बताया, लोग अब घबराने लगे हैं। इसलिए प्रशासन काफी सजग हो गया है। वहीं, तमाम एनजीओ लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए मजदूरों की मदद के लिए आगे आए हैं। यहां खाना और दवाइयों बांटी जा रही हैं। 

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धारावी में कोरोना महामारी की गंभीरता पर बीएमसी ने खुद कहा था कि अगर धारावी में संक्रमण रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया तो समस्या बढ़ सकती है।

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भारत में अब तक कोरोना के 21456 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, 682 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, भारत में राहत की यह बात है कि यहां अब तक 4382 लोग ठीक हो चुके हैं। यहां कुल मरीजों में 80% मरीज गंभीर नहीं हैं। 

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भारत में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा संक्रमित है। यहां अब तक 5649 लोग संक्रमित पाए गए हैं। 269 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 789 लोग ठीक हो चुके हैं। 
 

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