थिएटर कमांड से थर थर कांपेगा दुश्मन, यहां से होगा अचूक वार, बचना होगा मुश्किल

नई दिल्ली. जनरल बिपिन रावत ने देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनते ही कहा है कि भविष्य में देश में थिएटर कमांड्स बनाए जाएंगे। जिससे युद्ध के दौरान दुश्मन की हालत खस्ता करने के लिए रणनीति आसानी से बन सके। थिएटर कमांड्स का सबसे सही उपयोग युद्ध के दौरान तब होता है जब बात तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की होती है। युद्ध के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए ये कमांड बेहद उपयोगी होता है। यहां से बनी रणनीतियों के अनुसार दुश्मन पर अचूक वार करना आसान हो जाता है। यही कारण है कि सेना, वायुसेना और नौसेना को एकसाथ लाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की बात हो रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2020 8:45 AM IST
16
थिएटर कमांड से थर थर कांपेगा दुश्मन, यहां से होगा अचूक वार, बचना होगा मुश्किल
देश की भौगोलिक और रणनीतिक क्षेत्र को देखते हुए देश की तीनों सेनाओं और अन्य सैन्य बलों को एकसाथ लाया जाता है। इस कमांड का एक ही ऑपरेशनल कमांडर होता है। भौगोलिक क्षेत्रों का चयन इसलिए किया जाता है ताकि समान भूगोल वाले युद्ध क्षेत्र को आसानी से हैंडल किया जा सके। जैसे- हिमालय के पहाड़, राजस्थान के रेगिस्तान, गुजरात का कच्छ आदि।
26
थिएटर कमांड से यह सुनिश्चित हो जाता है कि तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बना हुआ है और ये एकसाथ काम करने को तैयार हैं। इस तरह का कमांड बनाने से खर्च कम होता है और बचत होती है। साथ ही संसाधनों का उपयुक्त इस्तेमाल होता है।
36
अभी देश में सिर्फ एक थिएटर कमांड है। इसकी स्थापना वर्ष 2001 में अंडमान निकोबार में किया गया था। वैसे देश में अभी तीनों सेनाओं के अलग-अलग 17 कमांड्स हैं। सात थल सेना के पास, सात वायुसेना के पास और तीन नौसेना के पास। इसके अलावा एक स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड है जो परमाणु शस्त्रागार को सुरक्षा देता है और उसे संभालता है। इसकी स्थापना वर्ष 2003 में की गई थी।
46
अभी देश में करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल है। इन्हें संगठित और एकजुट करने के लिए थिएटर कमांड की जरूरत है। एकसाथ कमांड लाने पर सैन्य बलों के आधुनिकीकरण का खर्च कम हो जाएगा। किसी भी आधुनिक तकनीक का प्रयोग सिर्फ एक ही सेना नहीं करेगी बल्कि उस कमांड के अंदर आने वाले सभी सैन्य बलों को उसका लाभ मिलेगा।
56
अमेरिका में अभी कुल मिलाकर 11 थिएटर कमांड्स हैं। इनमें से 6 पूरी दुनिया को कवर करते हैं। वहीं, चीन के पास भी पांच थिएटर कमांड्स हैं। चीन भारत को अपने पश्चिमी थिएटर कमांड के जरिए हैंडल करता है। इसी कमांड से वह भारत चीन सीमा पर निगरानी रखवाता है।
66
अब तक थिएटर कमांड्स इसलिए नहीं बन पाए क्योंकि इसे लेकर तीनों सेनाओं के प्रमुखों में मतभेद था। थल सेना का मानना था कि सशस्त्र बलों के संयुक्त दृष्टिकोण से काम करना चाहिए। ताकि उपलब्ध संसाधनों का सही उपयोग हो सके। लेकिन वायुसेना कहती थी उसके पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। वायुसेना कहती थी कि भारत भौगोलिक दृष्टि से इतना बड़ा नहीं की थिएटर कमांड्स की जरूरत पड़े। नौसेना भी वर्तमान मॉडल को उपयुक्त मानती है।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos