2022 की 12 बड़ी कार्रवाईयां: मंत्री-विधायक-मुख्यमंत्री और टॉप ब्यूरोक्रेट्स, बिजनेसमेन कोई न बच सका...

Year ender 2022: साल 2022 देश के टॉप लीडर्स, ब्यूरोक्रेट्स और बिजनेसमेन पर हुई ईडी, सीबीआई की कार्रवाईयों के लिए भी जाना जाएगा। देश के कई राज्यों के मंत्रियों, विधायकों, टॉप ब्यूरोक्रेट्स सहित मुख्यमंत्रियों तक जांच की आंच पहुंची। तमाम अरेस्ट हुए तो देश के कई दिग्गज राजनेताओं से पूछताछ हुई। आईए जानते हैं देश की ऐसी ही 12 कार्रवाईयां जिनकी वजह से कई सत्ता प्रतिष्ठानें हिल गईं...

Dheerendra Gopal | Published : Dec 31, 2022 5:16 PM IST / Updated: Dec 31 2022, 11:15 PM IST
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2022 की 12 बड़ी कार्रवाईयां: मंत्री-विधायक-मुख्यमंत्री और टॉप ब्यूरोक्रेट्स, बिजनेसमेन कोई न बच सका...

1-दाऊद की संपत्तियों के कथित सौदे में फंसे नवाब मलिक

राकांपा नेता नवाब मलिक को 23 फरवरी को ईडी द्वारा गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों से कथित रूप से जुड़े एक संपत्ति सौदे में गिरफ्तार किया गया था। आर्थर रोड जेल में वह हैं। ईडी की गिरफ्तारी के पहले वह शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान के ड्रग केस में चर्चा में रहे। आर्यन खान को गिरफ्तार करने वाले अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ उन्होंने खुलकर मोर्चा खोला था। नवाब मलिक खुद तो जेल में हैं लेकिन समीर वानखेड़े को लेकर सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा और आखिरकार उनका ट्रांसफर हो गया।

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2-मंत्री पर लगाया था 100 करोड़ रुपये की रंगदारी का आरोप

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह भी 2022 में सबसे अधिक सुर्खियों में रहे। खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे परमबीर सिंह ने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूलने के आदेश का आरोप लगाया था। हालांकि, यह आरोप उन्होंने मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से ट्रांसफर किए जाने के बाद लगाया था। अनिल देशमुख को मंत्री पद गंवाने के साथ सीबीआई जांच का सामना करना पड़ा और करीब एक साल तक जेल में भी बिताना पड़ा। उधर, परमबीर सिंह पर भी वसूली के आरोपों वाले चार केस दर्ज हुए। परमबीर सिंह के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी करना पड़ा। कई महीनों तक लापता रहे परमबीर सिंह पर देश छोड़कर भागने का भी आरोप लगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद वह क्राइम ब्रांच के सामने जांच के लिए पेश हुए। यही नहीं, परमबीर सिंह ने मई के बाद से काम करने की सूचना नहीं दी थी। इसी महीने में उनको शासन ने मुंबई पुलिस आयुक्त पद से ट्रांसफर कर दिया था। यह तबादला मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद हुई। वझे, प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के एंटीलिया विस्फोटक प्रकरण का संदिग्ध था। उसे विस्फोट से डराने के मामले (अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी एक एसयूवी मिली) और बाद में व्यवसायी मनसुख हिरन की संदिग्ध मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। वझे, परम बीर सिंह के करीबी के रूप में जाना जाता है। केवल एक सहायक पुलिस निरीक्षक होने के बावजूद उनकी सीधी पहुंच पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह तक थी। सिंह को मार्च में स्थानांतरित कर दिया गया था।

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3-आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह की हुई गिरफ्तारी

साल 2022, आम आदमी पार्टी के कई मंत्रियों व विधायकों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और जांच के नाम भी रहा। इस साल आप विधायक अमानतुल्लाह खान को एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया। विधायक पर दिल्ली वक्फ बोर्ड में करप्शन का आरोप है। विधायक के घर एसीबी ने रेड किया। एसीबी ऑफिस में बुलाकर उनसे पूछताछ की थी। इसके बाद उनको अरेस्ट भी कर लिया। एसीबी ने खान और उनके पार्टनर के विभिन्न ठिकानों पर रेड किया था। रेड के दौरान आरोपियों के दो सहयोगियों के पास से 24 लाख रुपये नकद बरामद हुए थे। एसीबी ने दो अवैध हथियार व गोला-बारुद भी बरामद करने की बात कही थी।
 

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4- दिल्ली की नई आबकारी नीति से घिर गई केजरीवाल सरकार

कोरोना काल के बाद दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति लाई थी। इस नीति के लागू होते ही केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई। आरोप लगा कि आप ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए नई नीति लाई और इस भ्रष्टाचार के केंद्र में रहे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया। मनीष सिसोदिया सहित करीब डेढ़ दर्जन ब्यूरोक्रेट्स व बिजनेसमेन पर एफआईआर दर्ज हुआ। सीबीआई ने जांच शुरू कर दी। सीबीआई ने कई सौ करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। सिसोदिया समेत तमाम ब्यूरोक्रेट्स व बिजनेसमेन के ठिकानों पर रेड किया, पूछताछ की गई। सीबीआई के एफआईआर में आरव गोपी कृष्णा, पूर्व उप आबकारी आयुक्त आनंद तिवारी और सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर के अलावा नौ व्यवसायी और दो कंपनियों को नामजद किया गया है। सीबीआई ने एफआईआर में कुल नौ निजी व्यक्तियों को आरोपी बनाया है। 8 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढाल, इंडोस्पिरिट के एमडी समीर महेंद्रू, महादेव लिकर्स के सन्नी मारवाह और हैदराबाद के अरुण रामचंद्र पिल्लई के अलावा अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडेय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। जबकि 9वें आरोपी पर्नोड रिकार्ड के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट मनोज राय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया गया। सीबीआई ने कई गिरफ्तारियां भी की है।

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5-शिक्षक भर्ती घोटाला

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला साल 2022 में ममता बनर्जी सरकार के गले की फांस बन चुका है। ममता बनर्जी के करीबी ताकतवर मंत्री पार्थ चटर्जी अरेस्ट हो चुके हैं। ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाला में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की 103 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया। मंत्री की करीबी अर्पिता के दो फ्लैटों से लगभग 49.80 करोड़ रुपए नकद और 5 करोड़ रुपए का सोना बरामद किया गया था। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में स्थित पार्थ और अर्पिता के 40 प्रॉपर्टी को भी जब्त किया गया था। इसकी कुल कीमत 40.33 करोड़ रुपए है। अर्पिता और पार्थ के 35 बैंक खातों में 7.89 करोड़ पाए गए थे।

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6-दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के ठिकानों पर रेड

साल 2022 में भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली में एक से बढ़कर एक कार्रवाईयां हुई। दिल्ली जल बोर्ड व एनबीसीसी से जुडे़ जिम्मेदारों के यहां सीबीआई ने रेड किया। करीब दस जगहों पर किए गए रेड में सीबीआई को डेढ़ करोड़ रुपये के आसपास कैश, करीब सवा करोड़ रुपये की ज्वेलरी और 69 करोड़ रुपये की फिक्स डिपॉजिट के पेपर्स जब्त किए। केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के पूर्व अधिकारियों के मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा, अधीक्षक अभियंता पी के गुप्ता, कार्यकारी अभियंता सुशील कुमार गोयल, सहायक अभियंता अशोक शर्मा, एएओ रंजीत कुमार, तत्कालीन महाप्रबंधक एनबीसीसी डीके मित्तल और परियोजना कार्यकारी साधन कुमार के अलावा निजी कंपनी एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड पर मामला दर्ज किया है। सीबीआई के एक प्रवक्ता के अनुसार, यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने उक्त निजी कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए साजिश रची थी और अयोग्य कंपनियों को टेंडर दिया। दिल्ली जल बोर्ड के पांच साल के लिए दिसंबर 2017 में एक टेंडर जारी की गई थी। निजी कंपनी के साथ आरोपी की साजिश और एनबीसीसी द्वारा जारी झूठे प्रमाण पत्र और मनगढ़ंत बयान की वजह से आरोपी निजी कंपनी ने 38.02 करोड़ रुपये का टेंडर हासिल कर लिया।

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7-येदियुरप्पा पर कसा शिकंजा

बेंगलुरु विकास प्राधिकरण की 662 करोड़ रुपये की लागत से एक अपार्टमेंट के निर्माण से जुड़े एक केस में आरोप लगा था कि येदियुरप्पाए उनके बेटे, दामाद और पोते जैसे निकट रिश्तेदारों की परियोजना में भ्रष्टाचार और रिश्वत की संलिप्तता रही है। आरोप है कि कोलकाता में एक फर्जी कंपनी के माध्यम से रिश्वत मांगी गई और भुगतान भी किया गया था। जुलाई के अंतिम सप्ताह में भरे मन से बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उनके पद छोड़ने के बाद 28 जुलाई को बासवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) सीएम बनाए गए थे। 26 जुलाई 2019 को कांग्रेस-जेडीएस की गठजोड़ वाली कर्नाटक राज्य सरकार को गिराने के बाद बीएस येदियुरप्पा चौथी बार मुख्यमंत्री बने थे। इसके कुछ ही दिनों बाद येदियुरप्पा के खिलाफ जांच शुरू हो गई थी।

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8-छत्तीसगढ़ कैडर के कई अधिकारियों की हुई गिरफ्तारी

छत्तीसगढ़ के कई आईएएस अधिकारियों के लिए साल 2022 काफी परेशानियों वाला गुजरा। ईडी राज्य में हुए कोयले के अवैध कारोबार से मनी लॉन्डिंग के सिलसिले में जांच कर रही है। बीते साल जून महीने में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छत्तीसगढ़ में हवाला के जरिए सौ करोड़ रुपये के लेनदेन का भंडाफोड़ किया था। यह लेनदेन रायपुर में की गई थी। इनकम टैक्स के पर्दाफाश के बाद ईडी ने इसी आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया था। इस मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया के घर पर रेड किया था। यह रेड 2020 में किया गया था। इसी सिलसिले में इस साल 2022 को ईडी ने महासमुंद जिले के रहने वाले लक्ष्मीकांत तिवारी जोकि पेशे से अधिवक्ता हैं, के परिसरों पर रेड किया। इसके अलावा रायपुर में बिजनेसमैन सुनील अग्रवाल के ठिकानों पर भी रेड किया। ईडी ने 11 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों व निजी संस्थाओं के विभिन्न ठिकानों पर कोयला एवं खनन ट्रांसपोर्टर्स से अवैध लेवी और मनी लॉन्डिंग के सिलसिले में रेड किया। इसके बाद आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, इंद्रमणि समूह के कारोबारी सुनील अग्रवाल और फरार कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को अरेस्ट भी कर लिया। ईडी ने रायगढ़ की जिला कलेक्टर रानू साहू के आवास को भी सील कर दिया। रानू साहू 2010 बैच की आईएएस हैं। इसके बाद ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के टॉप ब्यूरोक्रेट को अरेस्ट किया है। जांच एजेंसी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को अरेस्ट किया। सौम्या चौरसिया, छत्तीसगढ़ की शक्तिशाली नौकरशाह मानी जाती हैं। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सौम्या चौरसिया से पूछताछ किया। इसके बाद उनको हिरासत में ले लिया गया। अरेस्ट के बाद उनका मेडिकल चेकअप कराया गया। छत्तीसगढ़ के सीएम की उप सचिव को अरेस्ट करने के बाद सीआरपीएफ की कस्टडी में कोर्ट के सामने पेश किया गया।
 

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9- राहुल गांधी, सोनिया गांधी सहित कईयों से ईडी पूछताछ

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस (National Herald  money launderin Case) में राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत कई कांग्रेसी नेताओं से Enforcement Directorate ने पूछताछ की। 
 

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10- मनी लॉन्ड्रिंग में डमी कंपनियां चलाने वाले अरेस्ट

मनी लॉन्ड्रिंग केस में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा 19 संस्थाओं के खिलाफ FIR दर्ज कराने के बाद ED ने अपनी जांच शुरू की थी। दो बिजनेसमेन ने पीएनबी की मिंट स्ट्रीट चेन्नई ब्रांच के साथ खाते खोले और 6 महीने की अवधि में हांगकांग में विभिन्न संस्थाओं को 425 करोड़ रुपये भेजे। जांच के दौरान इन कंपनियों का कोई वजूद नहीं मिला। दरअसल, इस पैसे को भारत से बाहर की संस्थाओं के प्रमोटर निदेशकों के लिए बुक किया जा रहा था। ED ने  मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विकास कालरा और सिद्धांत गुप्ता को 13 जून को गिरफ्तार किया। ईडी ने डमी या शेल कंपनियों का इस्तेमाल करके यूएई और हांगकांग को कथित रूप से 425 करोड़ रुपये भेजने से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में इन्हें पकड़ा। 19 डमी इंडियन भारतीय संस्थाओं(entities) का उपयोग करके भारत के बाहर 425 करोड़ रुपए भेजे गए।
 

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11- सत्येंद्र जैन भी मनी लॉन्ड्रिंग में अरेस्ट

दिल्ली के अरविंद केजरीवाल सरकार (arvind Kejriwal Government) के लिए साल 2022 काफी मुसीबतों वाला रहा। सरकार
के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को ईडी ने अरेस्ट कर लिया। जैन को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। प्रवर्तन निदेशालय ने कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन से जुड़े मामले में जैन को गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री 2015-16 में कोलकाता की एक फर्म के साथ हवाला लेनदेन में शामिल थे। यह गिरफ्तारी आम आदमी पार्टी के नेता और उनके परिवार के स्वामित्व वाली ₹ 4.81 करोड़ की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्क किए जाने के लगभग दो महीने बाद हुई है। सीबीआई ने श्री जैन और उनके परिवार के खिलाफ अगस्त 2017 में कथित तौर पर 1.62 करोड़ रुपये तक की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि श्री जैन और उनके परिवार ने 2011-12 में ₹ 11.78 करोड़ और 2015-16 में ₹ 4.63 करोड़ की लॉड्रिंग के लिए चार शेल कंपनियों की स्थापना की थी। इन कंपनियों का कोई भी बिजनेस नहीं था। ईडी ने सीबीआई की पहली सूचना रिपोर्ट, या प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की थी।
 

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12-झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी की कार्रवाई

झारखंड के सुप्रीमो हेमंत सोरेन पर अवैध खनन मामले में ईडी ने साल 2022 में शिकंजा कसा। कई बार स्थितियां ऐसी बनीं कि उनके पद छोड़ने तक की नौबत आ गई। झारखंड में अवैध खनन मामले के साथ मनी लॉन्ड्रिग मामले में सीएम के करीबी नेता पंकज मिश्रा को 8जुलाई के दिन, फिर 4 अगस्त को बच्चू यादव व बड़े कारोबारी प्रेम प्रकाश को अरेस्ट किया गया था। बताया जा रहा है कि पंकज मिश्रा के ठिकानो पर जांच के दौरान सीएम के खिलाफ अहम दस्तवेज बरामद हुए थे। इसके बाद ईडी ने सीएम सोरेन को पूछताछ के लिए समन भेजा। फिलहाल जांच चल रही है।

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