बीरभूम नरसंहार: TMC से जुड़कर खूब पैसा कमाया, एक पुलिस की गाड़ी चलाता था, मुख्य आरोपी था कभी राजमिस्त्री

Published : Mar 25, 2022, 11:50 AM ISTUpdated : Mar 25, 2022, 11:57 AM IST

बीरभूम. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बोगतई गांव में 21 मार्च को हुई हिंसा (West Bengal Political Violence) का मुख्य आरोपी अनारूल हुसैन (Anarul Hussain Arrested) एक ऐसा विलेन है, जो भादू शेख  के लिए कुछ भी कर सकता था। भादू शेख की हत्या के बाद TMC कार्यकर्ताओं ने गांव में नरसंहार किया था। इस हिंसा में 10 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट(Calcutta High Court) ने मामले की जांच का जिम्मा CBI को सौंप दिया है। अनारूल हुसैन भले ही गिरफ्तार हो गया हो, लेकिन गांववाले उसके खिलाफ बोलने से डर रहे हैं। गांववालों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अनारूल हसन भादू शेख का करीबी था। भादू के राजनीति रसूख और प्रॉपर्टी के पीछे उसका बड़ा हाथ था। अनारुल उसकी ढाल था। बता दें कि अनारूल हसन रामपुरहाट का टीएमसी ब्लॉक अध्यक्ष है।

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बीरभूम नरसंहार: TMC से जुड़कर खूब पैसा कमाया, एक पुलिस की गाड़ी चलाता था, मुख्य आरोपी था कभी राजमिस्त्री

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रामपुरहाट नरसंहार के सिलसिले में पुलिस को अनारुल हुसैन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। हालांकि वो इसे अपने खिलाफ एक साजिश बता रहा है। उसने दावा किया कि अगर पुलिस सक्रिय होती, तो यह घटना नहीं होती। लेकिन हैरानी की बात यह है कि उसकी बहन सबीना बीबी इस हिंसा के पीछे अनारुल का हाथ बताती हैं।

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पहले राजमिस्त्री था अनारूल
बोगतई में अनारूल हसन की आलीशान कोठी है। करीब 5-6 साल पहले तक अनारूल एक राजमिस्त्री था। फिर वो भादू शेख के संपर्क में आया और एक बड़ा नाम हो गया। बताया जाता है कि भादू शेख और सोना शेख के बीच लंबे समय से दुश्मनी चली आ रही थी। कभी भादू शेख पुलिस की गाड़ी चलाता था। उसी समय इसी तरह का काम उसका पड़ोसी सोना शेख भी करता था। पुलिस का वाहन चलाने के दौरान भादू शेख प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आया। इसके बाद वे रेत माफिया बन गया। सालभर पहले भादू शेख के बड़े भाई बाबर की हत्या कर दी गई थी। इसमें सोना के रिश्तेदारों के नाम सामने आए थे। इसके बाद दोनों की दुश्मनी और बढ़ गई। भादू ने अपने चार मंजिला मकान में हर जगह CCTV कैमरा लगवा रखे थे। भादू 2013 में पंचायत सदस्य बना था। फिर दो साल बाद उप ग्राम प्रधान।
 

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इधर, बीरभूम हिंसा में जैसे-तैसे बचे 40 वर्षीय मिहिलाल शेख ने बताया कि वो अपने बड़े भाई बनिरुल के साथ धान के खेतों में कम से कम 12 किमी दौड़ते रहे। इसी गांव के किराना व्यवसायी मिहिलाल ने अपनी पत्नी, आठ वर्षीय बेटी और मां सहित परिवार के आठ सदस्यों को इस नरसंहार में खो दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भादू शेख की हत्या के आधे घंटे बाद ही 100 से अधिक बदमाशों ने घरों पर हमला कर दिया। अंधाधुंध बम फेंके।(घटनास्थल पर मौजूद पुलिस)

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जमात ए इस्लामी हिंद(Jamaat e Islami Hind), पश्चिम बंगाल के सचिव शादाब मासूम एसबी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल की एक टीम ने रामपुरहाट के बोगतुई इलाके का दौरा किया। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की, जिन्हें जिंदा जला दिया गया था। टीम ने एक ज्ञापन भी सौंपा और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।

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इस तरह हुई थी हिंसा की शुरुआत
तृणमूल कांग्रेस(TMC) के स्थानीय नेता और बरशल ग्राम पंचायत बोकतुई के उप प्रमुख भादु शेख की 21 मार्च को हत्या(TMC leader Bhadu Sheikh was killed on Monday) कर दी गई थी। उन पर किसी पुरानी रंजिश के चलते बम से हमला किया गया था। उनकी मौत की खबर के बाद टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उपद्रव शुरू कर दिया था। 

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