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बीरभूम हिंसा: 8 लोगों की जिंदा जलाने से पहले बहुत कुछ हुआ था, ममता बनर्जी को घटना सुनाते हुए बेहोश हुआ पीड़ित
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बता दें कि हिंसा की शुरुआत तृणमूल कांग्रेस(TMC) के स्थानीय नेता और बरशल ग्राम पंचायत बोकतुई के उप प्रमुख भादु शेख की सोमवार को हत्या(TMC leader Bhadu Sheikh was killed on Monday) के बाद हुई थी। शेख पर बम से हमला किया गया था। उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, मगर जान नहीं बच सकी।
कहा जा रहा है कि भादु शेख की हत्या के बाद टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उपद्रव शुरू कर दिया। आरोप है कि TMC के समर्थकों ने जिनके घरों में आग लगाई, वे भाजपा के समर्थक थे। पुलिस तर्क देती रही कि घरों में आग शॉर्ट सर्किट से लगी। फोटो क्रेडिट-Sougata Mukhopadhyay
रामपुर हाट घटना ने पूरे देश को चौंका दिया है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भी बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। उस मामले को लेकर अभी जांच चल ही रही थी कि यह घटना सामने आ गई।
फोटो क्रेडिट-Sougata Mukhopadhyay
रामपुर हाट घटना ने पूरे देश को चौंका दिया है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भी बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। उस मामले को लेकर अभी जांच चल ही रही थी कि यह घटना सामने आ गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार करीब 100 बाइकर्स गांव में घुसे और घंटों तांडव करते रहे। लोगों ने पुलिस से मदद मांगी, लेकिन नहीं मिली। इस मामले में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है।
बीरभूम हिंसा के बाद यहां के लोग बेहद डरे हुए हैं। कई लोग गांव छोड़कर चले गए हैं। इनका कहना है कि सुरक्षा के मद्देनजर घर छोड़कर निकले हैं। एक पीड़िता ने कहा कि घटना में उसके देवर की मौत हो गई। अगर पुलिस उनकी बात सुन लेती, तो यह घटना नहीं होती।
फिलहाल पूरा गांव पुलिस छावनी बना हुआ है। वहीं, इस मामले को लेकर राजनीति भी गर्म है। भाजपा सहित दूसरे दल ममता सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने लगे हैं।
पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट के हिंसा प्रभावित इलाके में CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने ने 23 मार्च को 24x7 निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था।