किसान पॉलिटिक्स में ट्रैक्टर, 1882 में बना था पहला ट्रैक्टर, शुरू में सिर्फ 2 बिके थे

कृषि कानूनों के खिलाफ देश में चल रहे किसान आंदोलन में ट्रैक्टरों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। पंजाब के किसानों ने इन्हीं ट्रैक्टरों पर बैठकर पुलिस के बैरिकेड्स तोड़े और फिर महिलाएं ट्रैक्टर चलाकर दिल्ली के लिए निकलीं। अभी भी लगातार किसान ट्रैक्टर रैलियां निकाल रहे हैं। ट्रैक्टर किसानों का महत्वपूर्ण साथी है। जैसे कहते हैं कि हाथी मेरा साथी वैसे ही किसान कहते हैं कि ट्रैक्टर मेरा साथी। खेती-किसानी में ट्रैक्टर की आने के बाद से काफी फायदा हुआ है। खेतों की निंदाई-गुड़ाई से लेकर फसलों को मंडी तक बेचने ले जाने में ट्रैक्टर की उपयोगिता सबको पता है। आइए जानते हैं कि ये ट्रैक्टर आया कहां से...

Asianet News Hindi | Published : Jan 8, 2021 5:31 AM IST / Updated: Jan 08 2021, 11:03 AM IST
17
किसान पॉलिटिक्स में ट्रैक्टर, 1882 में बना था पहला ट्रैक्टर, शुरू में सिर्फ 2 बिके थे

दुनिया में सबसे पहला ट्रैक्टर 1882 में आया था। इस हैरिसन मशीन वर्क्स ने बनाया था। यह वाष्प से चलने वाला ट्रैक्टर था। हालांकि कहते हैं कि इससे पहले भी 1850 में पहला ट्रैक्टर बन चुका था।

(1882 में 'हैरिसन मशीन वर्क्स' द्वारा निर्मित भांप से चलने वाला ट्रैक्टर और ट्रैक्टर पर बैठे आंदोलित किसान)

27

1892 में जॉन फ्रोलिक ने पेट्रोल से चलने वाला ट्रैक्टर बनाया था। इसका उपयोग थ्रैसर मशीन चलाने में होता था। बाद में इसका उपयोग खेत में बीज बोने आदि में किया जाने लगा। हालांकि यह दो ही बिके थे।
(1903 के आसपास हस्त-निर्मित पेट्रोलचालित ट्रैक्टर)

37

19वीं सदी में गैस से चलने वाला ट्रैक्टर सामने आया। 1905 ई. तक गैस से चलने वाले ट्रैक्टर का उपयोग खेतों में अन्य कामों में होने लगा। 
(वाष्पचालित 'ब्लैक लेडी' ट्रैक्टर 1911)

47

1913 में दो और चार सिलेंडरवाले इंजन के हल्के ट्रैक्टर अस्तित्व में आए। इसके बाद तो जैसे ट्रैक्टर निर्माण में क्रांति आ गई।
(शुरुआती दौर का ट्रैक्टर)

57

डीजल से चलने वाल पहला ट्रैक्टर 1913 में सामने आया। यह महंगा ट्रैक्टर था। लेकिन यह काफी उपयोगी साबित हुआ।

67

अगर भारत की बात करें, तो यहां आयशर, टेफे, एस्कार्ट्स और महिंद्रा 60 के दशक से ट्रैक्टरों का निर्माण कर रही हैं। 60 के दशक में भारत में विदेशों से ही ट्रैक्टर आते थे। 1972 में सरकारी ट्रैक्टर निर्माण कंपनी एचएमटी ने मोटोकोव से साझेदारी करके जेक्टर-2511 एचएमटी के नाम से ट्रैक्टर बनाना शुरू किया।

77

1980 के दशम में 5 और नई ट्रैक्टर कंपनियां अस्तित्व में आईं। इनमें  पंजाब, हरियाणा आदि की कंपनियां शामिल थीं। 90 के दशक में कुछ और कंपनियां बनीं, लेकिन वे दूसरों में विलय हो गईं।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos