1949 में एक फिल्म-पतंगा आई थी। इसका एक गाना था-ओ मेरे पिया गए रंगून, किया है वहां से टेलीफून, तुम्हारी याद सताती है, जिया में आग लगाती है! इस गाने में जिस रंगून शहर का जिक्र किया है, वो कभी म्यांमार की राजधानी हुआ करता था। चूंकि बर्मी भाषा में 'र' को 'य' बोला जाता है, इसलिए अब इसे यांगून कहते हैं। यांगून इस समय बड़ी टेंशन में है। वजह, तख्तापलट। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद यांगून में प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। वे देश की शीर्ष नेता आंग सान सू की रिहाई की मांग कर रहे हैं। यहां इंटरनेट बंद हैं। बता दें कि आंग सान सू बर्मा(अब म्यांमार) के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले आंग सान की बेटी हैं। आंग सान की 1947 में हत्या कर दी गई थी। म्यांमार में तख्तापलट को लेकर भारत की चिंताएं बाजिव हैं। वजह, इसके पीछे चीन की संदिग्ध भूमिका मानी जा रही है। क्योंकि चीन लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं रखता। चीन और भारत में पहले से ही तनातनी चली आ रही है। दूसरी सबसे बड़ी बात, म्यांमार एक ऐसा देश है, जो भारत और चीन के बीच दीवार का काम करता है। यानी बगैर म्यांमार की सहमति या कब्जा किए बिना चीन सीधे भारत तक नहीं पहुंच सकता। आइए जानते हैं म्यांमार की कहानी...