मोहिंदर पुरी कहते हैं कि प्वॉइंट 4875 पर हमला करने के बाद पाकिस्तान की काफी कैजुअलटी हुई थी। वह बुरी तरह से टूट चुका था।' वह कहते हैं कि 'इस इलाके को साफ करने में दो-तीन दिन लग गए थे, फिर दोनों देशों के डीजीएमओ अटारी में मिले। इसके बाद सीजफायर की घोषणा की गई। हालांकि, पाकिस्तान पूरी तरह से इस बात को नहीं माना था।'