CAA NRC नाटक पर विवाद; चौथी पांचवीं के बच्चों से पुलिस पूछताछ का आरोप, स्कूल पर देशद्रोह का केस

बेंगलुरु. संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 45 दिनों से प्रोटेस्ट चल रहा है। पर अब सीएए से जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है जिसमें पुलिस मासूम बच्चों से पूछताछ करती नजर आ रही है। वायरल हो रही इस तस्वीर को लेकर लोग केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं इन बच्चों से देशद्रोह के मामले में पूछताछ की जा रही है ये कितना शर्मनाक है? 

Asianet News Hindi | Published : Jan 30, 2020 8:21 AM IST / Updated: Jan 30 2020, 02:01 PM IST

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CAA NRC नाटक पर विवाद; चौथी पांचवीं के बच्चों से पुलिस पूछताछ का आरोप, स्कूल पर देशद्रोह का केस
दरअसल कर्नाटक के एक स्कूल में भी सीएए के खिलाफ नाटक मंचन किया गया था जिसके बाद स्कूल पर देशद्रोह का केस ठोंक दिया गया है। बिदर जिले में एक स्कूल मैनेजमेंट पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया क्योंकि स्कूल के कुछ बच्चों ने सीएए-एनआरसी के खिलाफ एक नाटक मंचन का किया था। इसके बाद पुलिस 4 से 5 साल के बच्चों को उठाकर थाने ले गई और उनसे जमकर पाछताछ हुई। इस दौरान बच्चों के स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए गए।
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स्कूल पर आरोप है कि मैनेजमेंट ने 21 जनवरी को नाटक मंचन में छात्रों का 'इस्तेमाल' किया जहां उन्होंने CAA और NRC को लेकर पीएम मोदी के लिए गलत भाषा का इस्तेमाल किया। 26 जनवरी को न्यू टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, स्कूल मैनेजमेंट पर धारा 124 ए (राजद्रोह), 504 (शांति भंग करने के लिए उकसाना), 505 (2) (शत्रुता को बढ़ावा देने वाला बयान), 153A (सांप्रदायिक घृणा को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। (फाइल फोटो)
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पुलिस ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता नीलेश रक्षयाल की शिकायत पर 26 जनवरी को मामला दर्ज किया गया है। ये मामला तब सामने आया, जब नाटक का एक वीडियो बिदर जिले के पत्रकार मोहम्मद यूसुफ रहीम ने सोशल मीडिया फ्लेटफॉर्म पर अपलोड किया। एफआईआर में इस पत्रकार का भी नाम शामिल किया गया है। बिदर के एमपी ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है। (फाइल फोटो)
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बीदर के पुलिस अधीक्षक टी श्रीधरा ने मीडिया बताया, ''शिकायत में कहा गया है कि स्कूली बच्चों ने 21 जनवरी को जो नाटक प्रस्तुत किया था उसमें प्रधानमंत्री की कुर्सी जैसे संवैधानिक पद के लिए अपशब्द कहे गए थे। शिकायत के अनुसार नाटक के बोल आपत्तिजनक और देश से बग़ावत करने वाले थे।'' (फाइल फोटो)
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वीडियो में बच्चे ये कहते हुए देखे जा सकते हैं कि उनके मरे हुए माता-पिता और दादा-दादी के जन्मप्रमाण पत्र कैसे दिखाए जा सकते हैं और चाय बेच रहे बुज़ुर्ग आदमी क्या अपने सारे काग़ज़ात दिखा सकते हैं? (फाइल फोटो)
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वहीं शाहीन एजुकेशन इंस्टीट्यूट के सीईओ तौसीफ मदिकेरी ने पुलिस पर बच्चों और मैनेजमेंट को मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया। तौसीफ ने कहा, "डिप्टी सुपरिंटेंडेंट, सब-इंस्पेक्टर और समेत कई पुलिस अधिकारी कई दिनों से स्कूल आ रहे थे, वो छात्रों और मैनेजमेंट को मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे।" (फाइल फोटो)
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तौसीफ ने कहा, पुलिस ने स्कूल का कंट्रोल रूम सील कर दिया है। क्लास चार और पांच के बच्चों से पूछताछ की जा रही है। पांच-छह बच्चों ने एक व्यंगात्मक कार्यक्रम किया था। किसी ने उस नाटक का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। अब हम पर सांप्रदायिक हिंसा और घृणा फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है। (फाइल फोटो)
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स्कूल सीईओ ने अपनी सफाई में कहा कि, "ये नाटक प्रस्तुत करने के दौरान स्पॉट पर हो गया। बच्चों के माता-पिता ने भी लिखित रूप में दिया है कि ये उनकी ग़लती थी कि उन्होंने बच्चों को नहीं बताया कि नाटक में क्या बोलना चाहिए क्या नहीं।'' (फाइल फोटो)
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