मार्च से कीं ये तैयारियां:
राज्य में कंट्रोल रूम बनाने के बाद 18 डिवीजन में राज्य को बांटा गया। इनमें सर्वेलांस, आइसोलेशन सेंटर, ट्रीटमेंट सेंटर और काउंसलिंग सेंटर बनाए गए। हर डिवीजन में एक अफसर तैनात किया गया। हर टीम में 15 लोग थे। लेकिन जैसे ही संक्रमण के मामले बढ़े राज्य सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों, होटलों और क्लिनिक सेंटरों को भी अपने अंडर ले लिया। द न्यूज मिनट को दिए इंटरव्यू में शैलजा ने बताया, यह सब आसान नहीं रहा। बाहर से राज्य में आए सभी लोगों की जांच करना या क्वारंटाइन करना आसान काम नहीं है। इसके लिए एक्सपर्ट की 18 टीमें बनाई गईं। इन टीमों ने कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेशन, लॉजिस्टिक कलेक्शन, मरीजों की देखभाल जैसे कामों को निभाया। यहां तक की एक ग्रुप तो लोगों को यह तक बता रहा था कि कैसे प्रोटोकॉल के तहत लोगों को मरने के बाद दफनाया जाए। (फोटो- कासरगोड में बना कोरोना अस्पताल।)