पिता ने बताया कि उनके पास बहुत थोड़ी-बहुत जमीन है। जिससे परिवार का खर्च नहीं चल पाता है। इसकी वजह से वो बाहर काम करने जाते हैं। पहले लखनऊ में मजदूरी कर रहे थे। कोरोना की वजह से लौट आए। तब से यहीं थे। किसी तरह गुजर-बसर हो रही थी। अब एक ठेकेदार से दस हजार रुपए बयाना लिया था। 20 अगस्त को परिवार समेत हरियाणा में एक ईंट भट्ठे पर जाने वाले थे। वहां, ईंट पथाई का काम था। इसी सब की तैयारी चल रही थी कि ये सबकुछ हो गया। परिवार में पत्नी, दो बेटे, एक बहू के अलावा इकलौती 13 साल की बिटिया थी।