12वीं तक सेना जॉइन करने के बारे में सोचा भी नहीं था, अब लेफ्टिनेंट जनरल बन रचा इतिहास

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के महिलाओं को स्थाई कमीशन देने के ऐतिहासिक फैसले के बाद मेजर जनरल माधुरी कानिटकर ने शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल का पद संभाला। वे इसी के साथ देश के सुरक्षाबलों में तीसरी महिला अफसर बन गई हैं, जिन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल का पद संभाला है। माधुरी अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तहत बनाए गए डिफेंस स्टाफ के हेडक्वार्टर में तैनात रहेंगी। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 29, 2020 12:28 PM IST

17
12वीं तक सेना जॉइन करने के बारे में सोचा भी नहीं था, अब लेफ्टिनेंट जनरल बन रचा इतिहास
माधुरी के पति भी रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल हैं। ऐसा देश में पहली बार हुआ है, जब पति पत्नी दोनों सेना में लेफ्टिनेंट जनरल बने हों।
27
मेजर जनरल माधुरी कानिटकर अभी जम्मू कश्मीर और लद्दाख में उत्तरी कमान के ऊधमपुर में युद्ध चिकित्सा देखभाल के प्रभारी मेजर जनरल मेडिकल के पद पर थीं। इससे पहले उन्होंने दो साल तक पुणे में एएफएमसी के डीन के रूप में दो साल जिम्मेदारी संभाली।
37
माधुरी सशस्त्र बलों की पहली महिला बाल रोग विशेषज्ञ हैं, जिन्हें लेफ्टिनेंट जनर के पद पर चुना गया है।
47
माधुरी बताती हैं कि उनका कभी ये सपना नहीं रहा कि वे सेना में जाएं। यहां तक की उन्हें कक्षा 12वीं तक एएफएमसी (आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज) के बारे में भी पता नहीं था।
57
माधुरी ने पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने मेडिकल लाइन में अपना करियर बनाने के बारे में सोचा।
67
आर्मी में शामिल होने के सवाल पर वे बताती हैं कि उनके एनडीए में कई दोस्त थे। उन्हें दोस्तों को देखकर ऐसा लगता था कि उनमें कुछ खास और अलग है। वहीं, उनकी रूममेट भी एयरफोर्स से ताल्लुक रखती थी। इसके बाद उन्होंने एएफएमसी जाने का फैसला किया।
77
माधुरी ने एएफएमसी से एमबीबीएस किया। वे यहां गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। उन्हें राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया। माधुरी चार दशक से सेना में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं।
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos