कर्नल के पिता उपेंद्रबाबू ने बताया था कि 20 साल की नौकर में पहली बार उसका तबादला गृह राज्य में होने वाला था। अपने बेटे की शहादत पर उनकी मां मंजुला को हमेशा फक्र रहेगा। यह और बात है कि अपने इकलौते बेटे को खोने का भी उन्हें गम सताता है। जब एक मां को अपने बेटे की शहादत की खबर मिली, तो उन्होंने अपनी बहू से उसे छुपाए रखा। क्योंकि वे नहीं चाहती थीं कि बहू को सदमा लगे।
(बेटे की शहाद की खबर मिलने के बावजूद उनकी मां ने बहू से बात छुपा रखी। उन्हें डर था कि कहीं बहू को गहरा सदमा न लगे।)