मध्यपूर्व एशिया का देश अमन(अरबी में अल-यमन) 2015 से चले आ रहे गृहयुद्ध से पूरी तरह बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। 2016 की गणना के हिसाब से यहां की आबादी 2 करोड़ है, लेकिन इसमें तकरीबन 90 प्रतिशत से ज्यादा गरीबी और भुखमरी का शिकार हैं। यह तस्वीर फैयद समीम की है। 7 साल का का यह बच्चा पैरालिसिस और ऊपर से कुपोषण के कारण हड्डियों का ढांचा बनकर रह गया है। इसका वजन महज 7 किलो बचा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उसे यमन की राजधानी सना के एक हास्पिटल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि यहां सुन्नी और शिया मुसलमानों के बीच खूनी संघर्ष चल रहा है। हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन हासिल है। जबकि उनके खिलाफ सऊदी अरब लड़ाई लड़ रहा है। यमन के बाकी हिस्सों में सुन्नी मुसलमान की संख्या अधिक है। उल्लेखनीय है कि यमन में 2011 के विद्रोह के बाद अली अब्दुल्ला सालेह को राष्ट्रपति पद से हटा दिया था। मौजूदा राष्ट्रपति अब्दराबूह मंसूर हादी यमन के बीच गृहयुद्ध छिड़ा हुआ है। आगे पढ़ें यमन की कहानी...