कमांडो दिगेंद्र कुमार : सीने पर खाईं 3 गोलियां
करगिल की जंग में 15,000 फीट ऊंची तोलोलिंग पहाड़ी पर कब्जा करना आसान नहीं था। भारतीय सेना ने 3 बार कोशिश की लेकिन असफल रही। इसके बाद 2 जून, 1999 को आर्मी चीफ जनरल वीपी मलिक ने राजपूताना रायफल्स के कमांडर्स से उनकी प्लानिंग पूछी। इसी दौरान 30 साल के कमांडो नायक दिगेंद्र कुमार ने कहा- मेरे पास बेस्ट प्लान है सर। हम उसी रास्ते से पहाड़ी पर जाएंगे, जिससे दुश्मन घुसा है। इस पर जनरल ने कहा कि उस रास्ते से तो मौत पक्की है। इस पर दिगेंद्र ने जवाब दिया, सर मौत तो वैसे भी आनी है। इसके बाद दिगेंद्र ने दुश्मन के 11 बंकरों पर 18 ग्रेनेड फेंककर उन्हें तबाह कर दिया। हालांकि, इस दौरान उनके सीने पर 3 गोलियां लगीं। लेकिन उन्होंने दुश्मन को नेस्तनाबूत कर तोलोलिंग पहाड़ी पर तिरंगा लहरा दिया। दुश्मन की गोली लगने के बाद वो सेना के लिए फिट नहीं रह गए थे। भारत सरकार ने उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया है।